पैगंबर पर टिप्पणी का मामला : भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग लेकर वकील ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया
पैगंबर मोहम्मद साहब पर विवादास्पद की पृष्ठभूमि में एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है और शीर्ष अदलात से निर्देश देने की मांग की है कि पूर्व बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा को पैगंबर मोहम्मद साहब के खिलाफ कथित नफरत भरे बयान और मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को आहत करने के लिए कार्रवाई करने और गिरफ्तार करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया जाए।
याचिका में यह तर्क दिया गया कि नुपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद साहब और मुस्लिम समुदाय के खिलाफ अश्लील टिप्पणी की थी और इस घटना की 'स्वतंत्र, विश्वसनीय और निष्पक्ष जांच' के लिए निर्देश देने की मांग की गई, जिससे नुपुर शर्मा की तत्काल गिरफ्तारी सुनिश्चित हो सके।
एडवोकेट अबू सोहेल और एडवोकेट चंद कुरैशी के माध्यम से दायर याचिका में शर्मा के खिलाफ संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 21, 26 और 29 और अन्य मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करने वाले बयानों के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की गई है।
याचिका के अनुसार, शर्मा के अवांछनीय शब्दों ने देश और दुनिया भर में भारी अशांति और हंगामा खड़ा कर दिया है और हमारे महान राष्ट्र की छवि खराब की है।
याचिका में कहा गया है कि भारतीय जनता पार्टी की पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपुर शर्मा ने राष्ट्रीय टेलीविजन पर अपनी पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हुए इस्लाम धर्म का अपमान किया और 27 मई 2022 को एक टेलीविजन बहस के दौरान पैगंबर मोहम्मद साहब के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया।
याचिकाकर्ता ने प्रस्तुत किया है कि राष्ट्रीय मीडिया में पैगंबर मोहम्मद साहब पर 'इस तरह के भड़काऊ अपमानजनक सांप्रदायिक भाषण' सांप्रदायिक नफरत के बीज बोने के लिए हैं और शर्मा की उद्देश्यपूर्ण गतिविधियां जनता की कीमत पर पूरे भारत में समाज में असंतुलन पैदा कर रही हैं और शांति संतुलन को बिगाड़ रही हैं।
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि इस तरह की नफरत फैलाना दंडनीय अपराध है।
याचिकाकर्ता के अनुसार हमारे संविधान का अंतर्निहित और सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांत समानता के बारे में है और राजनीतिक प्रतिशोध या राज्य या किसी व्यक्ति या किसी भी धर्म के खिलाफ किसी अन्य दुर्भावनापूर्ण इरादे के आधार पर किसी भी पूर्वाग्रह या भेदभाव की पूर्ण अस्वीकृति है।
केस टाइटल: अबू सोहेल बनाम नुपुर शर्मा और अन्य