सुप्रीम कोर्ट पीएमसी बैंक के जमाकर्ताओं के धन की सुरक्षा के उपाय की मांग करने वाली याचिका पर करेगा सुनवाई
पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक के खाता धारक की अपने बैंक खाते में जमा रुपयों की कथित चिंता के के कारण मौत की सूचना के एक दिन बाद सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई, जिसमें बैंक के सभी ग्राहकों के जमा रुपयों की 100 प्रतिशत सुरक्षा प्रदान करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई। ।
यह याचिका दिल्ली के उपभोक्ता कार्यकर्ता बेजोन कुमार मिश्रा द्वारा दायर की गई। उन्होंने पीएमसी बैंक के 15 लाख उपभोक्ताओं के धन के संरक्षण और पीएमसी बैंक के वित्तीय संकट के मामले को देखते हुए उसके ग्राहकों की जमा राशि को सुरक्षित रखने के लिए दिशा-निर्देश देने के लिए याचिका दायर की।
याचिकाकर्ता के वकील एडवोकेट शशांक देव सुधी ने याचिका की तत्काल सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति एन वी रमना की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष आवेदन किया। पीठ 18 अक्टूबर को याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गई।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि पीएमसी बैंक की वित्तीय गड़बड़ी से हमारे देश की बैंकिंग प्रणाली के प्रति जनता के विश्वास को धक्का लगा है।
दलील में कहा गया, "देश भर के हजारों जमाकर्ता भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी किए गए मनमाने परिपत्र द्वारा वित्तीय कठिनाइयों को झेल रहे हैं। इस परिपत्र के कारण शुरू में खाता धारक अपने खाते से रुपए 10000 / - तक निकाल पा रहे थे और बाद में रुपए 25000 तक ही निकाल पा रहे हैं। यह परिपत्र मनमाना और भेदभावपूर्ण है। "
इसके अलावा, याचिका में आरोप लगाया कि आम लोगों की गाढ़ी कमाई को कुछ प्रभावशाली और बेईमान लोगों द्वारा लूटा जा रहा है, जिससे वे आर्थिक रूप से अक्षम हो रहे हैं।
RBI ने अनियमितताओं के बाद इस बैंक पर छह महीने के लिए प्रतिबंध लगाया है। सर्वोच्च बैंक ने जमाकर्ताओं की निकासी की सीमा 25,000 रुपये से बढ़ाकर 40,000 रुपये कर दी।
याचिका में कहा गया है कि एक मजबूत और पारदर्शी तंत्र रखने के लिए सभी सहकारी बैंकों में काम करने और उनके संचालन के पूर्ण मामलों पर गौर करने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जाना चाहिए जो सहकारी बैंकों में आम जनता के विश्वास को प्रेरित कर सके। कुछ पीएमसी बैंक खाता धारकों ने निकासी पर प्रतिबंध को चुनौती देते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है।
मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की प्रारंभिक जांच के अनुसार, पीएमसी बैंक ने RBI के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए रियल इस्टेट फर्म HDIL को अपनी 9000 करोड़ रुपये की जमा राशि का लगभग 70% ऋण दिया था।