पैट्रोल की क़ीमतों में वृद्धि के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने वाले कांग्रेसी कार्यकर्ताओं पर सामाजिक दूरी का पालन नहीं करने पर कार्रवाई की मांग, सुप्रीम कोर्ट में याचिका
Plea SC Seeks Action Against Congress For Allegedly Violating Social Distancing Norms During Protest Against Fuel Price Hike
सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की मांग की गई है और आरोप लगाया गया है कि पैट्रोल और डीज़ल की क़ीमतों में वृद्धि को लेकर हुए कांग्रेस के देशव्यापी प्रदर्शनों के दौरान COVID-19 को देखते हुए सामाजिक दूरी के पालन के नियम को तोड़ा है। इसी कारण कांग्रेस कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की मांग की गई है।
यह याचिका वक़ील ओम प्रकाश परिहार और दुष्यंत तिवारी ने सुप्रिया पंडिता की ओर से दायर की है। याचिका में कहा गया है कि राष्ट्रीय पार्टी होने के नाते देश भर में लागू सामाजिक दूरी का पालन करके भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पर देश के नागरिकों की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी है।
याचिका में कहा गया है कि
"हालांकि 29 जून को देश के विभिन्न भागों में पैट्रोल और डीज़ल की क़ीमतों में वृद्धि के ख़िलाफ़ अपने प्रदर्शनों के द्वारा इन्होंने सामाजिस दूरी के नियम को तोड़ा है। फिर, याचिका में यह भी कहा गया है कि प्रदर्शनकारी मास्क भी नहीं पहने हुए थे और यह संविधान के अनुच्छेद 21 और सीआरपीसी, 1973 और आईपीसी, 1860 के ख़िलाफ़ है।
यह नोट करना ज़रूरी है कि सत्ताधारी पार्टी के क़दम/निर्णय के ख़िलाफ़ विरोध प्रकट करना ग़लत नहीं है लेकिन महामारी के दौरान ऐसा करना ग़ैरक़ानूनी है और प्रतिवादी नम्बर 1 और 2 की गतिविधियों के कारण देश भर में कोरोना वायरस के प्रसार में तेज़ी आ सकती है।"
याचिका में आगे कहा गया है कि
" पैट्रोल और डीज़ल की क़ीमतों में वृद्धि के ख़िलाफ़ विरोध का प्रदर्शन इस बारे में सत्ताधारी दल को प्रतिवेदन देकर किया जा सकता था न कि विरोध प्रदर्शन करके जिसकी वजह से देश में वायरस के प्रसार की आशंका बढ़ गई है।"
याचिका में कहा गया कि इसे देखते हुए पुलिस को उन लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज करने का निर्देश दिया जाए जिन्होंने सामाजिक दूरी के नियम का उल्लंघन किया है और जांच एजेंसियों को इस बात की जांच करने को कहा जाए कि उन्हें किस वजह से इस प्रदर्शन की अनुमति दी गई थी।
याचिका में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पर भारी जुर्माना लगाने की मांग की गई है क्योंकि उन्होंने देश के नागरिकों की जान को जोखिम में डाला है।