COVID-19 वैक्सीन बनाने और जिला अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए पीएम केयर्स फंड का इस्तेमाल करने के लिए दिशा-निर्देश दिए जाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका

Update: 2021-05-15 09:50 GMT

सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पीएम-केयर्स फंड का इस्तेमाल COVID-19 की वैक्सीन बनाने और जिला अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने और तत्काल जेनरेटर खरीदने और उन्हें 738 जिला अस्पतालों में लगाने के लिए दिशा-निर्देश दिए जाने की मांग को लेकर एक याचिका दायर की गई है। वर्तमान में COVID-19 के इलाज के लिए मेडिकल ऑक्सीजन की सख्त मांग है और इससे ये सभी चीजें आम लोगों के लिए बिना किसी कीमत के आसानी से उपलब्ध हों सकेंगी।

अधिवक्ता विप्लव शर्मा द्वारा दायर याचिका में अदालत से मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन से संबंधित मेडिकल उपकरणों के आयात शुल्क पर दी गई छोटी अवधि की तीन महीने की छूट को बढ़ाने पर विचार करने का भी आग्रह किया गया है।

याचिकाकर्ता के अनुसार, 3 महीने की अवधि "इन उपकरणों के आयात में शामिल रसद के दृष्टिकोण से बहुत कम अवधि" है।

याचिका में मुख्य सचिवों या राज्य मंत्रालयों के परामर्श से 'राष्ट्रीय योजना' तैयार करने की मांग की गई है ताकि कोरोना वायरस (COVID -19) की महामारी से उत्पन्न होने वाले प्रतिकूल नतीजों का सफलतापूर्वक मुकाबला किया जा सके।

याचिकाकर्ता ने अदालत से केंद्रीय सचिव और सभी मुख्य सचिवों, राज्यों को संसद सदस्यों और विधान सभाओं के सदस्यों को निर्देश देने का आग्रह किया है कि वे अपने सांसद/विधायक के धन को पूरी पारदर्शिता के साथ अनुशासित तरीके से खर्च करें ताकि वे जिस निर्वाचित क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, उसकी सर्वोत्तम सेवा कर सकें।

याचिका में आगे हाईकोर्ट को निर्देश देने की मांग की गई है कि वे अपने अधीनस्थ न्यायिक अधिकारियों को उचित प्रशासनिक निर्देश जारी करें, ताकि शीर्ष न्यायालय द्वारा पारित निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके।

याचिकाकर्ता ने न्यायालय से राज्यों को यह सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने का आग्रह किया है कि सभी निजी और धर्मार्थ अस्पतालों ने आवश्यक बैकअप के साथ चिकित्सा संयंत्र और उपकरणों की 'वास्तव में' खरीद, स्थापना, मेडिकल ऑक्सीजन की आंतरिक बुनियादी और आवश्यक जीवन रक्षक दवाएं जरूरत से ज्यादा रखने में आत्मनिर्भर हो गए हैं।

याचिका में राज्यों को अपने संबंधित प्रशासन के भीतर सभी शहरों में बिजली और अन्य सभी प्रकार के श्मशान घाटों की स्थापना सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश दिए जाने की मांग की गई है। मौजूदा विद्युत शवदाह गृहों के रखरखाव और सुधार के लिए और दिशा-निर्देश मांगे गए हैं, क्योंकि वे सभी अपनी संबंधित क्षमताओं से बहुत अधिक उपयोग किए गए हैं और जल्द ही गैर-कार्यात्मक हो सकते हैं।

याचिका में भारत सरकार और सभी राज्य सरकारों को उचित दिशा-निर्देश जारी करने के लिए न्यायालय के तत्काल हस्तक्षेप की मांग की गई है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर का उपयुक्त और सफलतापूर्वक मुकाबला कर सकें।

इसके अलावा, उक्त दिशा-निर्देश प्रभावी रूप से देश भर के सभी अस्पतालों में चिकित्सा ऑक्सीजन की कमी के कारण उभरे गंभीर विनाशकारी नतीजों को प्रभावी ढंग से हल करेंगे, जिसके कारण पूरे देश को रिकॉर्ड संक्रमित मामलों और मेडिकल ऑक्सीजन की भयंकर कमी से निपटने के लिए संघर्ष करना पड़ा।

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