सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रक्रिया में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के इस्तेमाल को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की, पचास हजार रुपए का जुर्माना लगाया

Update: 2022-10-06 06:58 GMT

ईवीएम

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हाल ही में चुनाव प्रक्रिया में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) के इस्तेमाल को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की। इसके साथ ही याचिकाकर्ता पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया को खारिज कर दिया।

मध्य प्रदेश जन प्रकाश पार्टी द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा,

"ऐसा प्रतीत होता है कि जिस पार्टी को मतदाताओं से ज्यादा मान्यता नहीं मिली, वह अब याचिका दायर करके मान्यता चाहती है!"

जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अभय एस ओका की पीठ ने आदेश में कहा,

"लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत चुनाव प्रक्रिया की निगरानी चुनाव आयोग जैसे संवैधानिक प्राधिकरण द्वारा की जाती है। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) प्रक्रिया का उपयोग हमारे देश में दशकों से किया जा रहा है, लेकिन समय-समय पर मुद्दों को उठाने की मांग की जाती है।"

कोर्ट ने कहा कि इस तरह की याचिकाओं को दाखिल करने से रोका जाना चाहिए।

पीठ ने याचिकाकर्ता पर 50,000 रुपए का जुर्माना लगाया। इसे सुप्रीम कोर्ट ग्रुप-सी (गैर-लिपिक) कर्मचारी कल्याण एसोसिएशन में चार सप्ताह के भीतर जमा करने का निर्देश दिया गया।

केस टाइटल: मध्य प्रदेश जन प्रकाश पार्टी बनाम भारत निर्वाचन आयोग।

आदेश पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें:




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