पालघर लिंचिग : सुप्रीम कोर्ट ने मामले की CBI/NIA जांच की याचिका पर नोटिस जारी किया 

Update: 2020-06-11 07:10 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पालघर लिंचिंग मामले में NIA और सीबीआई जांच की मांग वाली याचिकाओं में नोटिस जारी किया।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति वी  रामसुब्रमण्यन की एक पीठ ने श्री पंच दशबन जूना अखाड़ा के हिंदू साधुओं और दो मृतक साधुओं के रिश्तेदारों द्वारा दायर याचिकाओं में नोटिस जारी किया जिसमें उन्होंने  राज्य के अधिकारियों पर इस मामले की जांच में पक्षपात का आरोप लगाया है। 

जबकि जूना अखाड़ा साधुओं द्वारा दायर याचिका में सीबीआई जांच की मांग की गई है और घनश्याम उपाध्याय द्वारा दायर याचिका में NIA जांच की मांग की गई है। 

साधुओं द्वारा दायर याचिका में वकील बालाजी श्रीनिवासन ने कहा कि गवाह आत्महत्या कर रहे हैं और यह मानने के कारण हैं कि जांच में सही पाठ्यक्रम का पालन नहीं किया जा रहा है। 

जुड़े मामले में पेश हुए वकील सुभाष झा ने कहा कि सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका है। 

महाराष्ट्र राज्य ने यह कहते हुए याचिका का विरोध किया कि बॉम्बे हाईकोर्ट पहले ही इस मामले को जब्त कर चुका है। 

शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र सरकार, महाराष्ट्र डीजीपी, केंद्र सरकार, NIA और सीबीआई को नोटिस जारी किया, जो दो सप्ताह के भीतर वापस करने योग्य है।इस मामले को जुलाई के दूसरे सप्ताह में सूचीबद्ध किया जाएगा। 

 16 अप्रैल को, मुंबई से सूरत जाने वाले दो संतों की कार को 200 से अधिक लोगों की भीड़ द्वारा रोका था। इस भीड़ ने कार पर डंडे पत्थरों से हमला किया जिसके परिणामस्वरूप दोनों संतों की मृत्यु हो गई।

22 मई को, महाराष्ट्र पुलिस ने मामले में जांच के संबंध में दो सीलबंद रिपोर्ट दाखिल की थी।

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