अवकाश बेंच के सामने निर्देश लेने वाले वकील ही मेंशन कर सकते हैं, सीनियर वकील नहीं: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी को उसके समक्ष मामले मेंशन करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया।
जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस संजय करोल की अवकाशकालीन खंडपीठ ने कहा कि अवकाश पीठ के नियमों के अनुसार केवल निर्देश लेने वाले वकीलों को ही मामला मेंशन करना चाहिए, न कि सीनियर वकीलों को।
रोहतगी ने दिल्ली में बिजली की समस्या से जुड़े मामले को मेंशन करने की मांग की। कथित तौर पर, चिलचिलाती गर्मी के बीच राष्ट्रीय राजधानी में बिजली की चरम खपत में काफी वृद्धि हुई है। दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) के अध्यक्ष की नियुक्ति से संबंधित मुद्दा भी हाल ही में खबरों में था। रोहतगी द्वारा बताए गए मामले में उठाए गए मुद्दे अभी स्पष्ट नहीं हैं।
रोहतगी ने कहा,
"यह दिल्ली में बिजली से संबंधित है।"
जस्टिस करोल ने कहा,
"हम निर्देश लेने वाले वकील से इसको मेंशन करने का अनुरोध करते हैं ... यह अवकाश पीठ है।"
रोहतगी ने जोर देकर कहा कि यह जरूरी मामला है।
हालांकि, खंडपीठ ने जवाब दिया,
"आप जो कहते हैं उसे हम रिकॉर्ड करेंगे। लेकिन छुट्टी के नियमों के अनुसार, जूनियर्स को सूचीबद्ध मामले को मेंशन लिस्ट में भेजा जाना है।"
सुप्रीम कोर्ट 2 जुलाई 2023 तक गर्मी की छुट्टी पर है। इसकी रजिस्ट्री शनिवार और रविवार को छोड़कर हर दिन खुली रहेगी।