स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी कोटा: हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ यूपी सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 4 जनवरी को करेगा सुनवाई

Update: 2023-01-02 09:20 GMT

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि कोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार की याचिका पर सुनवाई करेगी।

हाईकोर्ट ने अपने फैसले में राज्य को 4 जनवरी को ओबीसी आरक्षण के बिना शहरी स्थानीय निकाय चुनाव कराने के लिए कहा गया था।

भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने याचिका मेंशन की थी जिन्होंने मामले की तत्काल लिस्ट करने की मांग की थी। अदालत बुधवार, 4 जनवरी 2023 को मामले की सुनवाई करने के लिए सहमत हुई।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया था कि बिना ओबीसी आरक्षण वाले शहरी स्थानीय निकाय चुनावों की तत्काल अधिसूचना जारी की जाए।

हाईकोर्ट ने कहा था कि राज्य ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित ट्रिपल टेस्ट औपचारिकता को पूरा नहीं किया था।

जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस सौरभ लवानिया की पीठ ने यह भी आदेश दिया कि चुनाव अधिसूचना में संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार महिलाओं के लिए आरक्षण शामिल होगा।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 5 दिसंबर को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 5 दिसंबर को जारी मसौदा अधिसूचना को रद्द कर दिया, जिसमें 'ट्रिपल टेस्ट' पूरा नहीं करने के बावजूद अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए राज्य में 4 मेयर सीटें आरक्षित करने के बाद शहरी स्थानीय निकाय चुनाव कराने का इरादा जाहिर किया गया था।

हाईकोर्ट ने निर्देश दिया था,

"चुनावों को अधिसूचित करते समय, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों को छोड़कर, अध्यक्षों की सीटों और कार्यालयों को जनरल / ओपन कैटेगरी के रूप में अधिसूचित किया जाएगा। चुनाव के लिए जारी की जाने वाली अधिसूचना में महिलाओं के लिए आरक्षण शामिल होगा।“


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