CJI पर निशिकांत दुबे की टिप्पणी मामले में एक और याचिका दायर, सोशल मीडिया से अपमानजनक सामग्री हाटने की मांग

Update: 2025-04-22 06:43 GMT
CJI पर निशिकांत दुबे की टिप्पणी मामले में एक और याचिका दायर, सोशल मीडिया से अपमानजनक सामग्री हाटने की मांग

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक याचिका पर अगले सप्ताह विचार करने की सहमति जताई, जिसमें न्यायपालिका के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपमानजनक और अवमाननात्मक पोस्ट व वीडियो हटाने का निर्देश देने की मांग की गई।

याचिकाकर्ता के वकील ने जस्टिस बीआर गवई के समक्ष मामले का तत्काल उल्लेख करते हुए त्वरित सुनवाई की मांग की। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद निशिकांत दुबे द्वारा सुप्रीम कोर्ट और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) के खिलाफ दिए गए बयानों का हवाला दिया।

ये बयान राष्ट्रपति/राज्यपालों को विधेयकों के संदर्भ में दिए गए निर्देश और वक्फ संशोधन अधिनियम मामले में कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद सामने आए।

वकील ने कहा,

"ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। सांसद ने कहा कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) भारत में गृहयुद्धों के लिए जिम्मेदार हैं। यह वीडियो वायरल हो गया और सोशल मीडिया पर सुप्रीम कोर्ट के लिए अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया जा रहा है, जैसे कि 'यह कोर्ट तो क... है', 'यह शरिया से संचालित है'।"

उन्होंने बताया कि अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल को पत्र भी भेजे गए थे लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

वकील ने कोर्ट से कहा,

“यह कोर्ट की गरिमा को ठेस पहुंचा रहा है। सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही। यह पहले के समय से बिल्कुल अलग है। वीडियो पूरे भारत में वायरल हो चुका है।”

इस पर जस्टिस गवई ने मामला अगले सप्ताह सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।

संबंधित घटनाक्रम में एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड (AoR) ने अटॉर्नी जनरल को पत्र भेजकर सुप्रीम कोर्ट और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के खिलाफ उनकी टिप्पणी के लिए निशिकांत दुबे के खिलाफ आपराधिक अवमानना ​​कार्यवाही शुरू करने की मंजूरी मांगी है।

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