इस्तेमाल हुए फेस मास्क के उचित निपटान के दिशा निर्देशों के लिए दाखिल याचिका का सुप्रीम कोर्ट ने निस्तारण किया कहा, NGT मामला देख रहा है
सुप्रीम कोर्ट ने उस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है जिसमें यह प्रार्थना की गई थी कि फेस मास्क, जो वर्तमान में COVID-19 के कारण घरेलू कचरे के रूप में पूरे देश में निकल रहा है, उसके उचित निपटान के लिए दिशा निर्देश जारी किए जाएं।
यह मामला पहले से ही एनजीटी देख रहा है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने इसमें हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी जिसमें यह प्रार्थना की गई कि फेस मास्क, जो वर्तमान में COVID-19 के कारण घरेलू कचरे के रूप में पूरे देश में निकल रहा है, उसके उचित निपटान के लिए दिशा निर्देश जारी किए जाएं।
जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस बीआर गवई की खंडपीठ ने मामले पर गुरुवार को सुनवाई की।
सॉलिसिटर-जनरल तुषार मेहता ने बेंच को सूचित किया कि मास्क के निपटान के लिए नियोजित किए जाने वाले तरीकों के बारे में स्वास्थ्य, पर्यावरण और गृह मंत्रालयों द्वारा विस्तृत निर्देश जारी किए गए थे।
सॉलिसिटर-जनरल तुषार मेहता ने कहा,
"ये अनिवार्य आवश्यकताएं हैं। ऐसा लगता है कि याचिकाकर्ता ने वेबसाइट पर दिशानिर्देश नहीं देखे हैं। 13 मार्च को एक परिपत्र था, फिर 20 मार्च और फिर 27 अप्रैल को स्वास्थ्य मंत्रालय ने संशोधित दिशानिर्देश जारी किए।"
जस्टिस एसके कौल ने याचिकाकर्ता से पूूछा,
" अगर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) मामले को देख रहा है तो सुप्रीम कोर्ट से निर्देश लेने की जरूरत क्यों है।
विभिन्न न्यायाधिकरणों में हमारे पास कई सुनवाई नहीं हो सकती। हम इस बात पर विचार करने के लिए एनजीटी के पास छोड़ देंगे कि मामले को कैसे आगे बढ़ाया जाए। आप सर्वोच्च न्यायालय में सब कुछ नहीं ला सकते हैं।"
इसी के आधार पर याचिका का निस्तारण किया गया।
ला स्टूडेंट ने की थी याचिका दायर
याचिकाकर्ता अंकित गुप्ता, जो एनएलआईयू, भोपाल में लॉ के अंतिम वर्ष के छात्र हैं, उनका मानना है कि सरकार द्वारा COVID खतरे के आकलन के तहत फेस मास्क पहनने को अनिवार्य बनाया गया है, जिसका पालन न करने पर अब जुर्माना लगाया जा रहा है।
याचिकाकर्ता ने कहा,
" इसके अलावा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHWF) ने सुरक्षित पीने के पानी के प्रबंधन, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा N95 मास्क का उपयोग और आदि से संबंधित नियमित आधार पर परामर्श जारी किए हैं। इसी प्रकार सार्वजनिक रूप से मास्क के उपयोग के बारे में दिशानिर्देश भी जारी किए गए हैं, जिसमें चेहरे के मास्क के निपटान की विधि बताई गई है, लेकिन इस विधि को बड़े पैमाने पर मीडिया के माध्यम से प्रकाशित नहीं किया गया है, जो अब स्थिति की मांग है।"
याचिका में कहा गया कि फेस मास्क का इस्तेमाल आसमान छू गया है, क्योंकि इसे अनिवार्य बनाया गया है और इनके उचित संचालन और निपटान के बारे में जागरूकता के अभाव में इन्हें घरेलू कचरे के रूप में पर्यावरण में खुले रूप से छोड़ा जा रहा है।