नवाब मलिक और अनिल देशमुख ने एमएलसी चुनाव में वोट डालने के लिए जेल से अस्थायी रिहाई की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

Update: 2022-06-20 05:49 GMT

महाराष्ट्र के विधायक नवाब मलिक और अनिल देशमुख नेसोमवार होने वाले महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव (एमएलसी इलेक्शन) में वोट डालने के लिए जेल से अस्थायी रिहाई की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

मलिक जहां अल्पसंख्यक विकास मंत्री हैं, वहीं देशमुख पूर्व गृह मंत्री हैं। दोनों धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत दो अलग-अलग मामलों में मुंबई की एक जेल में बंद हैं। उन्होंने 17 जून को बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा एमएलसी चुनावों में वोट डालने के लिए अस्थायी रिहाई देने से इनकार करने के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की है।

याचिका का उल्लेख आज सुबह सीनियर एडवोकेट मीनाक्षी अरोड़ा द्वारा जस्टिस सीटी रविकुमार और जस्टिस सुधांशु धूलिया की अवकाश पीठ के समक्ष आज ही तत्काल सुनवाई के लिए किया गया।

अरोड़ा ने अनुरोध करते हुए कहा कि विधायक के रूप में उन्हें एमएलसी चुनाव में वोट देने का अधिकार है।

जस्टिस सीटी रविकुमार ने कहा कि ऐसे मामलों को तत्काल लिस्टिंग की अनुमति देने से पहले भारत के मुख्य न्यायाधीश के पास जाना होगा।

पीठ ने कहा कि वह यह पता लगाएगी कि क्या आज दोपहर 12 बजे मामले को पोस्ट किया जा सकता है।

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