मोहम्मद जुबैर ने 4 दिन की पुलिस हिरासत को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया, कल सुनवाई होगी

Update: 2022-06-30 08:19 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court), ऑल्ट न्यूज़ (Alt news) के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर (Mohammed Zubair) की उस याचिका पर कल सुनवाई करेगा, जिसमें दिल्ली की एक निचली अदालत द्वारा जुबैर को चार दिन की पुलिस हिरासत में भेजने के आदेश को चुनौती दी गई है।

जुबैर को रविवार को दिल्ली पुलिस ने कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने और उनके ट्वीट के जरिए दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

जुबैर की ओर से पेश एडवोकेट वृंदा ग्रोवर ने अवकाश पीठ के समक्ष आज इस याचिका का उल्लेख किया जिसने मामले की सुनवाई कल करने की अनुमति दी।

 मंगलवार को, जुबैर को पटियाला हाउस कोर्ट के मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट स्निग्धा सरवरिया के सामने पेश किया गया था, जिन्होंने उसे चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था।

सीएमएम स्निग्धा सरवरिया ने देखा था कि जुबैर मामले की जांच में "असहयोगी" बना हुआ है और ट्वीट पोस्ट करने के लिए इस्तेमाल किए गए डिवाइस की बरामदगी अभी बाकी है।

जुबैर को भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना) और धारा 295 (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य, किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को उसके धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करने के इरादे से) के तहत गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने पांच दिन की रिमांड मांगी थी।

दिल्ली पुलिस के अनुसार, एक ट्विटर हैंडल से एक शिकायत प्राप्त होने के बाद मामला दर्ज किया गया है, जिसमें यह आरोप लगाया गया कि जुबैर ने " एक विशेष धर्म के भगवान का जानबूझकर अपमान करने के उद्देश्य से एक संदिग्ध तस्वीर ट्वीट की।

एफआईआर के अनुसार, हिंदू भगवान हनुमान के नाम पर 'हनीमून होटल' का नाम बदलने पर 2018 के जुबैर का ट्वीट उनके धर्म का अपमान है।

एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि जुबैर द्वारा एक विशेष धार्मिक समुदाय के खिलाफ इस्तेमाल किए गए शब्द और तस्वीर अत्यधिक उत्तेजक और लोगों में नफरत की भावना को भड़काने के लिए पर्याप्त से अधिक है जो समाज में सार्वजनिक शांति बनाए रखने के लिए हानिकारक हो सकता है।

दूसरी ओर, जैसा कि संदर्भित किया गया है, 2020 का मामला दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष लंबित है, जो जुबैर द्वारा एक ट्विटर यूज़र जगदीश सिंह की शिकायत पर उसके खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने की मांग करने वाली याचिका से संबंधित है।

यह मामला जुबैर द्वारा पोस्ट किए गए एक ट्वीट से संबंधित है, जिसमें सिंह की प्रोफाइल तस्वीर साझा की गई थी, जिसमें वह अपनी नाबालिग पोती के साथ खड़ा है।

जस्टिस योगेश खन्ना की एकल न्यायाधीश पीठ द्वारा जुबैर को 9 सितंबर, 2020 को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की गई थी, जिसने दिल्ली सरकार और पुलिस उपायुक्त, साइबर सेल को इस मामले में की गई जांच की स्टेटस रिपोर्ट दर्ज करने का भी निर्देश दिया था। उक्त संरक्षण जारी है।





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