मनोनीत सदस्य नगर निगम के मेयर के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली नगर निगम (MCD) के चुनाव के संबंध में आप नेता शैली ओबेरॉय द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए मौखिक रूप से कहा कि मनोनीत सदस्य नगर निगम के मेयर के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते।
सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा,
"मनोनीत सदस्य चुनाव में वोट देने के लिए नहीं जा सकते। संवैधानिक प्रावधान बहुत स्पष्ट है।"
याचिकाकर्ता की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट डॉक्टर अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 243आर इसे बहुत स्पष्ट करता है।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने दिल्ली एल जी का प्रतिनिधित्व कर रहे एडिशनल सॉलिसिटर जनरल संजय जैन से कहा,
"मनोनीत सदस्य मतदान नहीं करेंगे। यह बहुत अच्छी तरह से तय है। यह बहुत स्पष्ट मिस्टर जैन है।"
एएसजी संजय जैन ने हालांकि कहा कि इस पर कुछ तर्क हैं। सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने भी कहा कि यह एक विचारणीय मुद्दा है।
समय की कमी के कारण बेंच आज इस मामले की सुनवाई नहीं कर सकी और 17 फरवरी को इसे लेने पर सहमत हो हुई।
एएसजी ने 16 फरवरी को होने वाले चुनाव को 17 फरवरी के बाद की तारीख तक स्थगित करने पर सहमति जताई।
सीजेआई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ के समक्ष डॉ. सिंघवी के पहुंचने से पहले याचिकाकर्ता की ओर से दलील देने वाले एडवोकेट शादान फरासत ने कहा कि याचिकाकर्ता दो निर्देश मांग रहे हैं- मनोनीत सदस्यों को मतदान करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए और महापौर, उप महापौर, स्थायी समिति के चुनाव अलग-अलग होने चाहिए।