ब्रेकिंग- सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की ओर से दायर मानहानि मुकदमे में बीजेपी नेता मनोज तिवारी को निचली अदालत से जारी समन को रद्द करने से इनकार किया, विजेंद्र गुप्ता की अपील को अनुमति दी

Update: 2022-10-17 05:32 GMT

बीजेपी नेता मनोज तिवारी (बाएं) और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (दाएं)

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की ओर से दायर मानहानि मामले में निचली अदालत की ओर से जारी समन आदेश को रद्द करने से दिल्ली हाईकोर्ट के इनकार के खिलाफ भाजपा नेता मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) और विजेंद्र गुप्ता (Vijendra Gupta) द्वारा दायर दो याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया।

सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की ओर से दायर मानहानि मुकदमे में बीजेपी नेता मनोज तिवारी को जारी समन को रद्द करने से इनकार किया। इसके साथ ही विजेंद्र गुप्ता की अपील को अनुमति दी।

जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर और जस्टिस वी रामबसुब्रमण्यम की पीठ ने 22 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया और कहा कि उसने मनोज तिवारी की अपील को खारिज कर दिया है, हालांकि विजेंद्र गुप्ता की अपील को स्वीकार कर लिया है।

सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा था कि गुप्ता के ट्वीट मानहानिकारक नहीं लगते हैं।

पीठ ने सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से टिप्पणी की थी,

"गुप्ता के ट्वीट पढ़कर ऐसा नहीं लगता है कि सिसोदिया भ्रष्ट व्यक्ति हैं।"

सिसोदिया द्वारा 2019 में भाजपा नेता सांसद मनोज तिवारी, हंस राज हंस और प्रवेश वर्मा, पूर्व विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा, रोहिणी निर्वाचन क्षेत्र के विधायक विजेंद्र गुप्ता और प्रवक्ता हरीश खुराना खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज किया गया था। इन सभी पर आरोप लगाया गया था कि इन्होंने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कक्षाओं के निर्माण में लगभग 2,000 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार में शामिल होने के बारे में मानहानिकारक बयान दिए हैं।

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