2008 मालेगांव धमाके की आरोपी प्रज्ञा ठाकुर की जमानत रद्द करने की याचिका पर दो हफ्ते बाद सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट 

Update: 2019-11-29 10:10 GMT

2008 के मालेगांव ब्लास्ट मामले में आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह को मिली जमानत के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट दो सप्ताह के बाद सुनवाई करेगा।

शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस ए एम खानविलकर की पीठ ने सुनवाई को दो हफ्ते के लिए टाल दिया। 

दरअसल बॉम्बे हाईकोर्ट के जमानत देने और मकोका प्रावधान हटाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए ब्लास्ट में मारे गए युवक के पिता हाजी निसार अहमद बिलाल ने फैसले को गलत ठहराते हुए रोक लगाने की मांग की है। याचिका में प्रज्ञा की जमानत को रद्द करने की मांग की गई है। 

गौरतलब है कि 25 अप्रैल 2017 को 2008 के मालेगांव धमाका केस में बोंबे हाईकोर्ट से साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को जमानत मिल गई थी। हाईकोर्ट ने प्रज्ञा पर लगाई गई मकोका धारा को भी हटा दिया था। जिसके बाद मकोका के तहत जुटाए गए सबूत भी केस से निकाल दिए गए।

हाईकोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को 5 लाख रुपए की जमानत राशि और अपना पासपोर्ट NIA को जमा कराने और साथ ही ट्रायल कोर्ट में हर तारीख पर पेश होने के आदेश दिए थे। बेंच ने उसे सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करने और जब भी जरूरत हो एनआईए अदालत में रिपोर्ट करने का भी निर्देश दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि पहली नजर में साध्वी के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है।

2008 में हुए मालेगांव धमाके में 6 लोगों की मौत हो गई थी और तकरीबन 100लोग जख्मी हो गए थे। 29 सितंबर 2008 को मालेगांव में एक बाइक में बम लगाकर विस्फोट किया गया था।साध्वी प्रज्ञा पर भोपाल, फरीदाबाद की बैठक में धमाके की साजिश रचने के आरोप लगे थे। साध्वी और पुरोहित को 2008 में गिरफ्तार किया गया था। 

Tags:    

Similar News