महुआ मोइत्रा ने सुप्रीम कोर्ट से लोकसभा से निष्कासन को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर तत्काल सुनवाई करने का अनुरोध किया
तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता महुआ मोइत्रा ने लोकसभा से अपने निष्कासन को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग की।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ के समक्ष सीनियर एडवोकेट डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने मोइत्रा की याचिका का उल्लेख किया और इसे गुरुवार या शुक्रवार को सूचीबद्ध करने की मांग की। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट 15 दिसंबर से शीतकालीन छुट्टियों के लिए बंद हो रहा है।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने सिंघवी को ईमेल अनुरोध भेजने के लिए कहा और लिस्टिंग पर गौर करने के लिए सहमति व्यक्त की।
सीजेआई ने कहा,
"मामला दर्ज नहीं किया गया होगा। अगर कोई ईमेल भेजा गया है तो मैं इसे तुरंत देखूंगा। कृपया इसे भेजें। मैं तुरंत देखूंगा।"
सिंघवी ने जवाब देते हुए कहा कि वह तुरंत एक ईमेल प्रसारित भेजेंगे।
इससे पहले दिन मे सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सीनियर जज जस्टिस संजय किशन कौल के समक्ष मामले का उल्लेख किया, क्योंकि सीजेआई तब संविधान पीठ मामले की सुनवाई कर रहे थे। हालांकि, जस्टिस कौल ने अनुरोध पर विचार करने से इनकार कर दिया और सिंघवी को सीजेआई से संपर्क करने के लिए कहा। सीबी की सुनवाई खत्म होने के बाद मामले का उल्लेख सीजेआई के समक्ष किया गया।
8 दिसंबर को लोकसभा ने पश्चिम बंगाल के सांसद को 'कैश फॉर क्वेरी' शिकायत पर एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट को अपनाते हुए निष्कासित कर दिया था। लोकसभा ने मोइत्रा को निष्कासित करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया, समिति की इस जांच के आधार पर कि वह लोकसभा सांसद पोर्टल की अपनी लॉगिन क्रेडेंशियल अनधिकृत व्यक्तियों के साथ साझा करने की दोषी हैं, जिसके परिणामस्वरूप राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता हुआ और उन्होंने प्रश्न पूछने के लिए अवैध तरीके से व्यवसायी से उपहार और अन्य सुविधाओं के रूप में परितोषण स्वीकार किया।