संविधान के बुनियादी ढांचे के अग्रणी याचिकाकर्ता केशवानन्द भारती का निधन

Kesavananda Bharati, Lead Petitioner In The Basic Structure Case, Passes Away

Update: 2020-09-06 05:19 GMT

संविधान के बुनियादी ढांचे को अक्षुण्ण रखने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाले मूल याचिकाकर्ता संत केशवानन्द भारती का आज सुबह निधन हो गया। यह जानकारी मलयालम दैनिक 'मातृभूमि' ने दी है।

उनका निधन केरल के कासागोड़ जिले में एडानीर स्थित आश्रम में आज सुबह हुआ। वह 79 वर्ष के थे।

केशवानन्द भारती ने केरल के भूमिहीन काश्तकारों को जमीन बांटने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा लाये गये भूमि सुधार कानूनों को चुनौती देने के लिए मामला दर्ज कराया था। उन्होंने केरल भूमि सुधार कानून, 1963 को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किये जाने संबंधी 29वें संविधान संशोधन को भी चुनौती दी थी।

इस संशोधन के जरिये केरल भूमि सुधार कानून, 1963 को मौलिक अधिकारों के हनन के आधार पर चुनौती देने से छूट प्रदान की गयी थी। मामले की सुनवाई 13-सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष 68 दिनों तक चली थी और अंतत: 'बुनियादी ढांचा सिद्धांत' का प्रतिपादन हुआ था। केशवानन्द भारती की ओर से मशहूर वकील नानी पालकीवाला पेश हुए थे।

यद्यपि इस मामले में केशवानंद भारती को व्यक्तिगत राहत नहीं मिली थी, लेकिन इसकी वजह से एक महत्वपूर्ण संवैधानिक सिद्धांत प्रतिपादित हुआ जिसके तहत संशोधन के संसद के अधिकारों को सीमित किया जा सका। चौबीस अप्रैल, 1973 को सुप्रीम कोर्ट ने 7:6 के बहुमत के आधार पर फैसला सुनाया था। 

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