पी चिदंबरम की याचिका खारिज करने वाले जस्टिस सुनील गौर PMLA के अध्यक्ष नियुक्त

Update: 2019-08-29 02:49 GMT

पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम की गिरफ्तारी से पहले उनकी याचिका खारिज करने वाले हाईकोर्ट से सेवानिवृत्त हुए जस्टिस सुनील गौर को धन शोधन निवारण अधिनियम अपीलीय न्यायाधिकरण (PMLA)का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश सुनील गौर 23 सितंबर को नया पदभार ग्रहण करेंगे।

जस्टिस सुनील गौर ने आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद सीबीआई ने चिदंबरम को उनके आवास से गिरफ्तार किया था। जस्टिस गौर ने पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम को INX मीडिया घोटाला मामले का "सरगना और महत्वपूर्ण साजिशकर्ता" करार देते हुए अग्रिम जमानत से इनकार कर दिया था।

जस्टिस गौर द्वारा आईएनएक्स मीडिया मामले में दिए गए आदेश को वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। चिदंबरम के वकीलों के साथ वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और ए एम सिंघवी ने तर्क दिया कि दिल्ली हाईकोर्ट के जज ने ज़मानत से इनकार करने के लिए ईडी द्वारा दिए गए सीलबंद कवर में निहित आरोपों को अपने फैसले में "कॉपी पेस्ट" किया।

जस्टिस गौर ने 1984 में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में अपनी कानूनी प्रैक्टिस शुरू की। उन्होंने 1995 में दिल्ली उच्च न्यायिक सेवा ज्वॉइन की और अप्रैल 2008 में उच्च न्यायालय में गए।

PMLA ट्रिब्यूनल के वर्तमान अध्यक्ष दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस मनमोहन सिंह 21 सितंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। इसके बाद गौर कार्यभार संभालेंगे। ट्रिब्यूनल पीएमएलए के तहत प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दिए गए जब्ती के आदेशों के खिलाफ चुनौतियों की सुनवाई करता है।

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