जस्टिस कुरैशी की सिफारिश :सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन की याचिका को लंबित रखा
न्यायमूर्ति अकिल कुरैशी की मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति करने में देरी का विरोध करने वाली जनहित याचिका को CJI रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पीठ ने लंबित रखा है।
सुनवाई के दौरान CJI रंजन गोगोई, जस्टिस एस. ए. बोबडे और जस्टिस एस. अब्दुल नजीर की पीठ ने याचिकाकर्ता गुजरात हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अरविंद दातार की उस दलील को मान लिया जिसमें यह कहा गया था कि फिलहाल कॉलेजियम ने जस्टिस अकिल को मध्य प्रदेश के स्थान पर त्रिपुरा हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाने की संशोधित सिफारिश भेजी है, इसलिए केंद्र द्वारा यह नियुक्ति करने तक याचिका पर सुनवाई टाल दी जाए।
पीठ ने यह कहा कि जजों की नियुक्ति और ट्रांसफर, न्याय के प्रशासन की जड़ में हैं। इसलिए इस मुद्दे पर न्यायिक परीक्षण कड़ाई से सीमित है। न्यायिक प्रशासन में हस्तक्षेप संस्था के लिए अच्छा नहीं है।
जस्टिस अकिल को MP HC के स्थान पर त्रिपुरा HC का CJ बनाये जाने की हुई है सिफारिश
दरअसल सुप्रीम कोर्ट में 3 जजों के कॉलेजियम ने केंद्र सरकार द्वारा भेजी रिपोर्ट और तथ्यों के आधार पर अपनी सिफारिश में संशोधन करते हुए जस्टिस अकिल को मध्य प्रदेश की बजाए त्रिपुरा हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश भेजी है।
केंद्र ने जस्टिस अकिल को MP HC का CJ बनाए जाने में जताई थी असमर्थता
इससे पहले 27 अगस्त को केंद्र सरकार के कानून मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को अपना जवाब भेज दिया था। केंद्र सरकार ने न्यायमूर्ति अकिल कुरैशी को प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने में असमर्थता जताई थी।
मामले को सुनने के लिए सुप्रीम कोर्ट हुआ था तैयार
इससे पहले बीते 15 जुलाई को इस जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया था। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने याचिकाकर्ता गुजरात हाई कोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन को याचिका की प्रति सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को देने के निर्देश दिए थे और SG को इस मामले में कोर्ट की सहायता करने को कहा था।
दरअसल ये सिफारिश सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 10 मई को की थी। ये सिफारिश भी कॉलेजियम द्वारा उसी दिन की गई जिसके द्वारा न्यायमूर्ति डी. एन. पटेल की दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति को केंद्र द्वारा अधिसूचित किया गया है।
याचिका में कही गयी बातें
याचिका में यह कहा गया है कि न्यायमूर्ति पटेल के प्रस्ताव पर केंद्र ने 2 सप्ताह के भीतर कार्रवाई की और उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के CJ के रूप में कार्यभार संभाल लिया जबकि न्यायमूर्ति कुरैशी की फाइल को लंबित रखा गया है। इस बीच केंद्र ने 7 जून को न्यायमूर्ति रवि शंकर झा को MP हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त कर दिया था।
याचिका में की गयी मांग
याचिका में केंद्र सरकार को जस्टिस कुरैशी की नियुक्ति के निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। न्यायमूर्ति कुरैशी की फाइल की उपेक्षा को याचिका में उजागर करते हुए यह कहा गया है कि केंद्र द्वारा 10 मई के बाद न्यायिक नियुक्तियों की 18 फाइलों को मंजूरी दी गई है।
जस्टिस कुरैशी के बॉम्बे HC स्थानांतरण का भी हो चुका है विरोध
बार के विरोध के बीच गुजरात उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति कुरैशी को पिछले साल अक्टूबर में बॉम्बे उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया था। इसके बाद गुजरात हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन ने एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें न्यायमूर्ति कुरैशी के इस स्थानांतरण का विरोध किया गया था।