जेल में बंद महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक और पूर्व मंत्री अनिल देशमुख ने सुप्रीम कोर्ट से फ्लोर टेस्ट में वोट डालने की अनुमति मांगी
जेल में बंद महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) और पूर्व मंत्री अनिल देशमुख Anil Deshmukh) ने फ्लोर टेस्ट (Floor test) में वोट देने की अनुमति के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया है, जिसे राज्यपाल ने उद्धव सरकार को बहुमत साबित करने के लिए कल यानी 30 जून को आयोजित करने का आदेश दिया है।
एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड सुधांशु चौधरी ने आज दोपहर 1 बजे जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की अवकाश पीठ के समक्ष याचिका का उल्लेख आज ही तत्काल सुनवाई के लिए किया।
पीठ शिवसेना व्हिप चीफ सुनील प्रभु द्वारा फ्लोर टेस्ट के लिए राज्यपाल के निर्देश को चुनौती देने वाली याचिका के साथ आज शाम 5.30 बजे याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हुई।
सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा एक तत्काल उल्लेख के बाद आज सुबह पीठ आज शाम 5 बजे प्रभु द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हुई। याचिका में फ्लोर टेस्ट के लिए राज्यपाल के निर्देश को "अवैध" करार देने की मांग की गई है।
मलिक जहां अल्पसंख्यक विकास मंत्री हैं, वहीं देशमुख महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दोनों सदस्य धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत दो अलग-अलग मामलों में मुंबई की एक जेल में बंद हैं।
पिछले हफ्ते, सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में मतदान की अनुमति देने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी।