EMI पर मोहलत : सुप्रीम कोर्ट ने EMI पर ब्याज के खिलाफ याचिका पर केंद्र और RBI को नोटिस जारी किया 

Update: 2020-05-26 08:44 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आरबीआई द्वारा दी गई 3 महीने की मोहलत के बाद बैंकों द्वारा लोन की EMI पर ब्याज लगाने को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र और आरबीआई को नोटिस जारी किया है। आरबीआई ने इस मोहलत को 31 अगस्त तक बढ़ाया है।

याचिकाकर्ता गजेंद्र शर्मा ने आरबीआई द्वारा 31 मई तक EMI के भुगतान पर तीन महीने की मोहलत देने के बाद ऋण पर ब्याज वसूलने को चुनौती दी है,  जिसे अब 31 अगस्त, 2020 तक बढ़ा दिया गया है।

याचिका में इसे असंवैधानिक करार दिया गया है, क्योंकि लॉकडाउन के दौरान, लोगों की आय पहले ही कम हो गई है और वे वित्तीय कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।

भारत संघ की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि आरबीआई को जवाब देना बाकी है।

वहीं याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राजीव दत्ता ने जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एम आर शाह की पीठ को बताया कि

  " ये मोहलत 3 महीने पहले दी गई थी जो अब 6 महीने तक बढ़ाई जा रही है। जब सुप्रीम कोर्ट इस मामले का फैसला करता है, तो लेखांकन किया जा सकता है। आज, कृपया मुझे राहत दें। आज मुझे दंड न दें। मेरा ब्याज न जोड़ें और चक्रवृद्धि ब्याज वसूलना शुरू न करें।"

हालांकि पीठ ने कहा कि पहले आरबीआई को जवाब देने दें। न्यायालय ने भारतीय रिज़र्व बैंक को उपरोक्त मामले पर जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया।

इससे पहले 30 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने RBI से यह जांचने के लिए कहा था कि उसकी तीन महीने की EMI की मोहलत की नीति बैंकों द्वारा लागू की गई है या नहीं।

जस्टिस एन वी रमना, जस्टिस एस के कौल और जस्टिस बी आर गवई की पीठ ने इस मामले में कहा, " 

ऐसा प्रतीत होता है कि जिन बैंकों को RBI द्वारा लाभ दिया गया है, वो लाभ लोन लेने वालों तक नहीं बढ़ाया जा रहा है। उचित दिशा-निर्देशों का उपयोग किया जाना चाहिए।"

सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि तीन महीने की मोहलत पर RBI के 27 मार्च के नोटिफिकेशन पर दखल देने से इनकार कर दिया था और RBI से पूछा कि क्या उसकी पॉलिसी बैंकों द्वारा सही मायने में लागू की गई है?

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