"मुझे कोई सीलबंद लिफाफा नहीं चाहिए, इसे अपने पास रखें": चीफ जस्टिस एनवी रमाना

Update: 2022-03-16 05:29 GMT

चीफ जस्टिस एनवी रमाना ने मंगलवार को पटना हाईकोर्ट की ओर से सीलबंध लिफाफा दिए जाने पर कहा, "कोई सीलबंद लिफाफा न दें, इसे अपने पास रखें। मुझे कोई सीलबंद कवर नहीं चाहिए।"

पटना हाईकोर्ट ने एक आरोपी को जमानत से संबंधित एक विशेष अनुमति याचिका में हाईकोर्ट की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार ने एक पेन ड्राइव के साथ सीलबंद लिफाफे में याचिकाकर्ता द्वारा किए गए सभी कार्यों से संबंधित टेप जमा करने की मांग की थी।

कुमार ने तब चीफ जस्टिस एनवी रमाना, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ को सूचित किया कि इस मामले में हाईकोर्ट द्वारा पहले ही स्टेटस रिपोर्ट दायर की जा चुकी है।

पीठ ने इस मामले में पक्षकारों को जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया। पीठ ने वर्तमान मामले में हाईकोर्ट की ओर से पेश अधिवक्ता कुमार से सहायता मांगी।

कोर्ट ने पिछली बार (10 मार्च) को बिहार राज्य को 14 मार्च, 2022 तक मामले से संबंधित सभी विवरण न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।

बेंच ने हाईकोर्ट से याचिकाकर्ता की जमानत अर्जी पर सुनवाई की अगली तारीख तक गुण-दोष के आधार पर फैसला करने का भी अनुरोध किया था।

संबंधित घटनाक्रम में जस्टिस चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने संकेत दिया कि वह MediaOne मामले में "सीलबंद कवर" प्रक्रिया की कानूनी वैधता पर विचार करेगी।

केस का शीर्षक: दिनेश बनाम बिहार राज्य।

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