'हर केस अलग है': सुप्रीम कोर्ट ने सुल्ली डील्स ऐप के कथित निर्माता के खिलाफ जांच पर रोक लगाने से इनकार किया

Update: 2022-08-12 06:32 GMT

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को कई मुस्लिम महिलाओं की ऑनलाइन ऑक्शन करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले "सुल्ली डील्स (Sulli Deals)" ऐप के कथित निर्माता ओंकारेश्वर ठाकुर के खिलाफ दर्ज कई एफआईआर में जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।

जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एमएम सुंदरेश की पीठ ने ठाकुर द्वारा दायर रिट याचिका पर नोटिस जारी किया जिसमें कई प्राथमिकियों को एक साथ जोड़ने की मांग की गई थी।

सुनवाई के दौरान पीठ ने मौखिक रूप से कहा कि प्रत्येक पीड़ित महिला एक पीड़ित व्यक्ति है जो अलग से शिकायत दर्ज करा सकती है।

कोर्ट ने कहा,

"यह एक ही अपराध नहीं है। दो वेबसाइटें हैं। एक है सुल्ली डील और दूसरी बुल्ली बाई। क्या इसे एक कहा जा सकता है? कई तस्वीरें अपलोड हैं। प्रत्येक व्यक्ति ने स्वतंत्र रूप से दायर किया होगा। क्या इसे समान अपराध कहा जा सकता है? सभी एफआईआर अलग-अलग हैं क्योंकि कई लोग पीड़ित हैं।"

जब पीठ नोटिस जारी करने को तैयार हुई तो वकील ने आगे की एफआईआर की जांच पर रोक लगाने की मांग की।

पीठ ने कहा,

"अभी नोटिस करें।"

ठाकुर की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट राजीव शर्मा, साहिल भालिक एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड और तुषार गिरी एडवोकेट की सहायता से पेश हुए।

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