ईडी की आशंका-टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी से कोलकाता में नहीं हो पाएगी पूछताछ; सुप्रीम कोर्ट ने कहा- पश्चिम बंगाल पुलिस की सहायता सुनिश्‍चित की जाएगी

Update: 2022-05-12 08:33 GMT

सुप्रीम कोर्ट

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजीरा बनर्जी से कोलकाता में पूछताछ करने को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष आशंका जताई।

ईडी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि कोलकाता में सीबीआई अधिकारियों के पहले भी घेराव हो चुके हैं और बनर्जी एक प्रभावशाली राजनेता हैं।

एएसजी ने कहा,

"माननीय जानते हैं कि कोलकाता में केंद्रीय एजेंसियों के साथ कैसा व्यवहार किया गया...सीबीआई अधिकारियों का घेराव किया गया...प्रथम याचिकाकर्ता (बनर्जी) एक प्रभावशाली राजनेता हैं....।"

एएसजी की दलील अदालत के इस सवाल के जवाब में आई कि एजेंसी दिल्ली के बजाय कोलकाता में बनर्जी से पूछताछ क्यों नहीं कर सकती जैसा कि उन्होंने मांगा था। एजेंसी की चिंता पर कोर्ट ने कहा कि वह कोलकाता पुलिस को सभी सहायता प्रदान करने का आदेश दे सकती है और पश्चिम बंगाल राज्य को जवाबदेह ठहराएगी।

कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा,

"एक सुगम मार्ग के लिए, हम कहेंगे कि जिस क्षण आप 72 घंटे पहले मांग करेंगे, कोलकाता पुलिस सहयोग करेगी और हम पश्चिम बंगाल राज्य को जवाबदेह ठहराएंगे।"

कोर्ट ने यह भी कहा कि ईडी यह नहीं बताया कि क्या उन्हें एक आरोपी के रूप में समन जारी किया गया है। एएसजी ने कहा कि वह इस पहलू पर स्पष्टीकरण देंगे और कल तक के लिए स्थगन की मांग की। कोर्ट ने मामले को अगले मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया और मौखिक रूप से कहा कि इस बीच याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।

कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा, "हम कोई आदेश नहीं दे रहे हैं। चीजें जस की तस बनी रह सकती हैं।"

एएसजी ने कहा, "कोई प्रारंभिक कार्रवाई नहीं होगी",

जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस रवींद्र भट और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ बनर्जी द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 160 के तहत पुलिस को गवाहों से उनके आवास पर पूछताछ करनी चाहिए।

सिब्बल ने कहा, "मैं जांच के लिए मना नहीं कर रहा हूं। मैं कह रहा हूं कि कोलकाता आओ और पूछताछ करो..वे चाहते हैं कि मैं दिल्ली आऊं।"

एएसजी ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 160 केवल पुलिस जांच पर लागू होती है न कि ईडी जांच पर, जो धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 50 द्वारा शासित है। उन्होंने कहा कि पीएमएलए जांच के लिए सीआरपीसी की प्रयोज्यता से संबंधित मुद्दे को जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष याचिकाओं के एक बैच में सुना गया था, जिस पर निर्णय सुरक्षित है।

एएसजी ने आगे कहा कि सीआरपीसी की धारा 160 के प्रावधान के अनुसार निवास स्थान पर उपस्थिति की आवश्यकता केवल 15 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं और पुरुषों पर लागू होती है। किसी भी मामले में, अभिषेक बनर्जी इस प्रावधान का लाभ नहीं ले सकते।

एएसजी ने यह भी बताया कि एक सांसद होने के नाते अभिषेक बनर्जी का दिल्ली में भी एक स्थानीय आवास है।

एक संबंधित याचिका में पेश हुए सीनियर एडवोकेट डॉ अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ईडी मामले के संबंध में विधेय अपराध कोलकाता में सीबीआई कार्यालय द्वारा दर्ज किया गया था। उन्होंने बताया कि ईडी का कोलकाता में भी एक कार्यालय है।

पीठ ने एएसजी से पूछताछ के लिए आवश्यक संभावित समयावधि के बारे में पूछा, इस तथ्य पर विचार करते हुए कि शिकायत 2020 की है। एएसजी ने कहा कि वह एक निश्चित जवाब नहीं दे सकता है और कहा कि याचिकाकर्ताओं के असहयोग के कारण जांच में देरी हो रही है।

एएसजी ने यह भी कहा कि धारा 160 आरोपी व्यक्तियों पर लागू नहीं होती है और केवल गवाहों पर लागू होती है।

"लेकिन आप यह नहीं कह रहे हैं कि क्या वे आरोपी हैं", पीठ ने कहा।

पृष्ठभूमि

याचिकाकर्ता पश्चिम बंगाल कोयला घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उन्हें जारी समन को रद्द करने से इनकार करने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है।

आक्षेपित आदेश में बनर्जी की पत्नी रूजिरा बनर्जी की याचिका को भी खारिज कर दिया गया था, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर शिकायत और कथित शिकायत का संज्ञान लेने वाले ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी।

अंतरिम राहत के रूप में, याचिकाकर्ताओं ने दिल्ली हाईकोर्ट के एकल न्यायाधीश द्वारा पारित 11.03.2022 के आदेश के संचालन पर अंतरिम एकपक्षीय रोक लगाने की मांग की है।

इसके अलावा, ईडी को निर्देश देने की मांग की गई है कि याचिकाकर्ताओं को धारा 50 पीएमएलए के तहत केवल कोलकाता में (अभिषेक बनर्जी के लिए) या केवल उनके निवास पर (रुजीरा बनर्जी के लिए) ही पूछताछ की जाए। रूजीरा बनर्जी की व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दी जाए और उन्हें ट्रायल कोर्ट के समक्ष वकील के माध्यम से पेश होने की अनुमति दी जाए।

सीबीआई ने कुछ व्यक्तियों द्वारा पश्चिम बंगाल राज्य में किए गए ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के लीजहोल्ड क्षेत्रों से अवैध खनन और कोयले की चोरी के कथित अपराधों के संबंध में एक एफआईआर दर्ज की थी। इसके तहत ईडी ने नई दिल्ली स्थित हेड इन्वेस्टिगेटिव यूनिट में ईसीआईआर दर्ज किया है।


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