Delhi Ridge Tree Felling : सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिपूरक वनरोपण पर वन विभाग से रिपोर्ट मांगी

Update: 2025-09-16 14:15 GMT

दिल्ली रिज वृक्ष कटाई अवमानना ​​मामले की अगली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के वन विभाग से प्रतिपूरक वनरोपण/वृक्षारोपण के लिए आवंटित 185 एकड़ भूमि की उपयुक्तता के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तलब की।

अदालत ने कहा,

"[रिपोर्ट] में उन पौधों की प्रजातियों का भी संक्षेप में उल्लेख किया जाएगा, जिन्हें रोपने का संकल्प लिया गया। वह समय-सीमा जिसके भीतर वृक्षारोपण पूरा हो जाएगा। अन्य निर्देशों के संबंध में भी मुख्य सचिव, दिल्ली सरकार और उपाध्यक्ष, दिल्ली विकास प्राधिकरण को अपनी-अपनी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया जाता है। वन विभाग, वृक्षारोपण के प्रस्ताव के साथ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के भीतर 185 एकड़ भूमि के स्थान को दर्शाने वाला स्केच प्लान भी रिकॉर्ड में पेश करेगा।"

जहां तक वन विभाग का दावा है कि आवंटित भूमि पर बाड़ नहीं लगी। इसलिए DDA से कुछ और धनराशि की आवश्यकता हो सकती है, अदालत ने विभाग से कहा कि वह अपनी मांग उठाए और DDA की ओर से किसी भी तरह की अनिच्छा की स्थिति में हलफनामा दाखिल करे।

अदालत ने कहा,

"धन कोई बाधा नहीं बनना चाहिए।"

अदालत ने अपने द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति के सदस्य ईश्वर सिंह से मौखिक रूप से रिपोर्ट भी मांगी। जब अदालत को सूचित किया गया कि उक्त सदस्य को NGT में नियुक्त किया गया तो अदालत ने कहा कि वह अभी भी रिपोर्ट दाखिल कर सकते हैं।

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की खंडपीठ DDA द्वारा 28 मई के फैसले के अनुपालन से संबंधित विविध आवेदन पर विचार कर रही थी। इस दिन अदालत ने वनीकरण योजना तैयार करने के लिए समिति का गठन किया, जिसे वन विभाग को अपनी देखरेख में क्रियान्वित करना था। वनीकरण की पूरी लागत DDA द्वारा वहन करने का निर्देश दिया गया। अदालत ने 185 एकड़ भूमि की पहचान करने का भी निर्देश दिया, जिसका विवरण समिति को दिया जाना था।

DDA की ओर से अदालत के समक्ष स्टेटस रिपोर्ट पेश की गई। सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने बताया कि आवश्यक भूमि आवंटित कर दी गई और वनीकरण के लिए पेड़ों की पहचान कर ली गई। इसी तरह GNCTD के वन विभाग के वकील ने कहा कि ज़मीन विभाग को सौंप दी गई।

जस्टिस कांत ने वन विभाग के वकील से पौधों की स्थिति के बारे में पूछताछ की और कहा कि कुछ प्रजातियों के पौधे लगाने के लिए सितंबर अच्छा समय होगा। जब वकील ने कहा कि अधिकारियों के अनुसार, पौधे लगाने का सबसे अच्छा समय फरवरी के बाद का होगा तो जज ने जवाब दिया कि कुछ पौधों के लिए सितंबर-अक्टूबर एक अच्छा समय हो सकता है। इस संबंध में विशेषज्ञ समिति के सदस्यों से राय ली जा सकती है।

गौरतलब है कि याचिकाकर्ता के वकील ने दावा किया कि रिकॉर्ड में रखी गई अनुपालन रिपोर्ट अदालत के 28 मई के आदेश का उल्लंघन करती है। यह देखते हुए कि रिपोर्ट आंशिक प्रकृति की है, जस्टिस कांत ने कहा कि याचिकाकर्ता हलफनामा दायर कर बता सकता है कि क्या अनुपालन किया गया और क्या शेष है।

Case Title: BINDU KAPUREA Versus SUBHASISH PANDA AND ORS., MA 1652/2025

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