Delhi Liquor Policy Case: सुप्रीम कोर्ट ने हैदराबाद के व्यवसायी अभिषेक बोइनपल्ली को नियमित जमानत दी
सुप्रीम कोर्ट ने हैदराबाद के व्यवसायी अभिषेक बोइनपल्ली को दिल्ली शराब नीति मामले 9Delhi Liquor Policy Case) में अन्य आरोपियों के समान ही नियमित जमानत दी।
हालांकि, अंतरिम जमानत आदेश में यात्रा पर लगाई गई शर्तों के विपरीत बोइनपल्ली को देश के भीतर यात्रा करने की अनुमति देने के लिए कोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर की गई। साथ ही कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट इस पर फैसला करेगा। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अब तक लगाई गई शर्तें केवल अंतरिम जमानत के लिए थीं।
जस्टिस एम.एम. सुंदरेश और जस्टिस अरविंद कुमार की खंडपीठ जुलाई 2023 के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ बोइनपल्ली द्वारा दायर एक विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया गया।
अब तक बोइनपल्ली 20 मार्च को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई अंतरिम जमानत पर थे। इसे समय-समय पर बढ़ाया गया। आखिरी बार 13 अगस्त को दो महीने के लिए बढ़ाया गया था। अंतरिम जमानत आदेश के अनुसार, बोइनपल्ली को हैदराबाद की यात्रा के अलावा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से बाहर नहीं जाने का निर्देश दिया गया।
रॉबिन डिस्टिलरीज एलएलपी के पूर्व निदेशक और कथित बिचौलिए बोइनपल्ली उन कई लोगों में शामिल हैं, जिनकी दिल्ली शराब नीति मामले में जांच की जा रही है। उन्हें अक्टूबर 2022 में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने गिरफ्तार किया था, लेकिन एक महीने बाद उन्हें मामले में जमानत मिल गई। हालांकि, यह राहत अल्पकालिक थी।
वहीं, स्पेशल जज एमके नागपाल ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की याचिका को स्वीकार कर लिया, जिसमें बोइनपल्ली को पांच दिनों के लिए हिरासत में लेने की बात कही गई थी। इसके बाद अक्टूबर 2022 में व्यवसायी फिर से हिरासत में चला गया।
बोइनपल्ली ने जमानत के लिए स्पेशल कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन उसे राहत नहीं मिली। स्पेशल जज ने माना कि बोइनपल्ली कार्टेलाइजेशन में साउथ ग्रुप के प्रतिनिधियों में से एक था और उसने रिश्वत के भुगतान के साथ-साथ उनकी वसूली में भी सक्रिय भूमिका निभाई थी।
हाईकोर्ट ने स्पेशल जज के आदेश में हस्तक्षेप करने का आधार नहीं पाया और "आरोपों की गंभीरता" और "रिकॉर्ड पर विश्वसनीय सामग्री" का हवाला देते हुए बोइनपल्ली की जमानत याचिका खारिज कर दी।
केस टाइटल: अभिषेक बोइनपल्ली बनाम प्रवर्तन निदेशालय | विशेष अनुमति याचिका (आपराधिक) नंबर 9038/2023