COVID-19 : दिल्ली सरकार ने डॉक्टरों के मकान खाली कराने पर मकान मालिकों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए

Update: 2020-03-25 06:30 GMT

दिल्ली सरकार ने मंगलवार को एक आदेश जारी किया जिसमें कोरोनोवायरस महामारी के प्रकोप के चलते डॉक्टरों, पैरामेडिक्स और स्वास्थ्य सेवा कर्मियों के किराए के आवासों को खाली कराने पर मकान मालिकों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई का निर्देश दिया गया है।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, दिल्ली भर के डॉक्टरों और स्वास्थ्य सेवा कर्मियों की कई शिकायतें मिल रही हैं जिनमें मकान मालिकों द्वारा उनके किराए के आवास खाली कराने के लिए उत्पीड़न किया जा रहा है, इन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इसके आगे, दिल्ली सरकार ने कहा कि, "इस तरह के व्यवहार से लोक सेवक को अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में बाधा होती है।"

यह भी निर्देशित किया गया है कि,

"... सभी जिला मजिस्ट्रेट / नगर निगमों के जोनल डिप्टी कमिश्नर / जिला पुलिस उपायुक्तों को निर्देश दिया जाता है कि वे कानून के संबंधित प्रावधानों के तहत ऐसे मकान मालिकों / घर-मालिकों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई करें और दैनिक आधार पर एक्शन रिपोर्ट अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह), दिल्ली सरकार के कार्यालय में दाखिल करें।"

दरअसल पिछले कुछ दिनों में, डॉक्टरों द्वारा ऐसी कई शिकायतों को विभिन्न प्लेटफार्मों पर रखा गया है। इसके आलोक में, रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन, एम्स, दिल्ली ने केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखकर उनकी चिंताओं को उजागर किया।

पत्र में कहा गया है,

"कई डॉक्टर अब अपने सभी सामानों के साथ सड़कों पर फंसे हुए हैं और देश भर में कहीं भी नहीं जा सकते।

हम इस तरह के रवैये की निंदा करते हैं और इसके लिए आपसे अनुरोध करते हैं कि जल्द से जल्द एक आदेश जारी करें, ताकि मकान मालिकों / घर-मालिकों को अपने किराए के घरों से काम करने वाले डॉक्टर और अन्य हेल्थकेयर पेशेवरों को इस तरीके से बाहर निकालने से रोका जा सके।

यह COVID-19 महामारी के महत्वपूर्ण समय में हमारे देश के लिए हमारी निस्वार्थ सेवाओं को सुनिश्चित करेगा। "

पत्र के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस प्रमुख से बात की और उन्हें उत्पीड़न का सामना कर रहे डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने को कहा।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री, डॉ हर्षवर्धन ने भी स्वास्थ्य कर्मियों के उत्पीड़न का सामना करने के बारे में अपनी "पीड़ा" व्यक्त की और लोगों को 22 मार्च, 2020 को शाम 5 बजे उनके लिए बजाई गई ताली की याद दिलाई। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लोगों से इस संबंध में अपील की।

गौरतलब है कि कई डॉक्टरों ने घर-मालिकों द्वारा कोरोनावायरस संक्रमण के लिए अपनी संवेदनशीलता की गलत आशंकाओं के कारण अस्थायी किराए के परिसर को बेदखल करने के लिए उत्पीड़न और ज़बरदस्ती की अपनी चिंताओं को व्यक्त करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया।

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