दिल्‍ली चुनावः केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ने से रोके गए ‌थे 11 लोग, दिल्ली हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस

Update: 2020-02-03 10:09 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को सिंगल जज बेंच के 28 जनवरी के उस आदेश को चुनौती देने वाली अपील पर नोटिस जारी किया, जिसमें रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा नामांकन पत्र दाखिल करने से इनकार करने के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया गया था।

चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस हरि शंकर की डिवीजन बेंच ने यूनियन ऑफ इंडिया, दिल्ली सरकार, चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर और इलेक्शन कमीशन के रिटर्निंग ऑफिसर को नोटिस जारी किए हैं।

28 जनवरी को 11 याचिकाकर्ताओं ने दिल्ली हाईकोर्ट में अपील दायर कर दावा किया था कि उन्हें आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने से वंचित किया गया, रिटर्निंग अधिकारी ने अरविंद केजरीवाल को कतार में आगे आकर अपने कागजात दिखाने और नामांकन दाखिल करने की अनुमति देकर ऐसा किया।

हालांकि जस्टिस संजीव सचदेवा की सिंगल बेंच उसी दिन याचिका को खारिज कर दिया था।

उन्होंने अपने आदेश में कहा कि जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 100 के अनुसार, इस तरह की याचिकाएं हाईकोर्ट के समक्ष नहीं रखी जा सकती हैं और वह भी चुनाव प्रक्रिया पूरी होने से पहले।

कोर्ट ने यह भी कहा कि एनपी पोन्नुस्वामी मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित कानून वर्तमान मामले पर लागू होता है। हालांकि, एकल पीठ ने मामले के गुण-दोष पर कोई टिप्पणी नहीं की।

सोमवार को हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच के समक्ष, याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि वे चुनाव प्रक्रिया को चुनौती नहीं दे रहे हैं बल्कि, उन्होंने अदालत का दरवाजा इसलिए खटखटाया है क्योंकि वे आगामी चुनाव में भाग लेना चाहते हैं।

अपनी दलील में उन्होंने कहा कि रिटर्निंग अधिकारी का, उन्हें नामांकन पत्र दाखिल करने से वंचित करने का निर्णय मनमाना, गैरकानूनी और अवैध है।

डिवीजन बेंच ने, उपर्युक्त अधिकारियों को 6 फरवरी, 2020 तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

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