CSI मेडिकल कॉलेज रिश्वतखोरी मामला: सुप्रीम कोर्ट ने साउथ इंडिया चर्च के पूर्व बिशप के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग ट्रायल पर रोक लगाई

Update: 2025-11-17 12:07 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने आज चर्च ऑफ साउथ इंडिया (CSI) के पूर्व बिशप ए. धर्मराज रसलम द्वारा दायर उस याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें उन्होंने कराकोनम CSI मेडिकल कॉलेज भ्रष्टाचार मामले में दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग केस को रद्द करने की मांग की है।

जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने नोटिस चार सप्ताह के भीतर जवाब देने के लिए लौटाने योग्य बनाया और इस बीच ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगा दी।

कोर्ट ने आदेश दिया, “नोटिस जारी करें, चार सप्ताह में returnable। इस बीच ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही स्थगित रहेगी।”

सुनवाई के दौरान जस्टिस नाथ ने पूछा:

“बिशप को ये सब करने की क्या ज़रूरत थी?”

याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट डॉ. एस. मुरलीधर ने कहा:

“इस मामले में कोई आधार ही नहीं है।”

उन्होंने बताया कि आधारभूत (predicate) अपराधों में से प्रत्येक पर क्लोज़र रिपोर्ट दाखिल हो चुकी है।

उन्होंने तर्क दिया कि—

जब आधारभूत अपराध ही नहीं हैं,

तब PMLA की कार्यवाही जारी नहीं रह सकती।

उन्होंने यह भी बताया कि ईसीआईआर में “अजीब तरह से” दो क्लोज़र रिपोर्टें संलग्न की गई हैं।

इसके बाद कोर्ट ने नोटिस जारी किया और ट्रायल पर रोक लगा दी।

जस्टिस नाथ ने कहा:

“यह सब मत किया करिए।”

जस्टिस मेहता ने में कहा:

“लेकिन अगर ये (विवाद) नहीं करेंगे तो सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को कौन काम देगा!”

मामले की पृष्ठभूमि:

केरल हाईकोर्ट ने 24 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा रसलम के खिलाफ दायर चार्जशीट को रद्द करने से इंकार कर दिया था।

ED ने कराकोनम CSI मेडिकल कॉलेज में कथित भ्रष्टाचार मामले में रसलम को दूसरे आरोपी के रूप में नामित किया है।

वर्ष 2019 में रसलम और अन्य लोगों ने MBBS और PG में प्रवेश दिलाने के नाम पर अभ्यर्थियों के माता-पिता से 7 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि वसूली।

कई अभिभावकों ने शिकायत दर्ज कराई कि कॉलेज अधिकारियों ने भारी रकम ली लेकिन प्रवेश नहीं दिया।

क्राइम ब्रांच ने जांच के बाद 2021 में मजिस्ट्रेट कोर्ट में अंतिम रिपोर्ट दाखिल की, जिसमें आरोपों को गलत और दुर्भावनापूर्ण बताया गया।

हाईकोर्ट द्वारा चार्जशीट रद्द न करने पर रसलम ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया, जहाँ अब ट्रायल पर रोक लग गई है।

 

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