मुख्य न्यायाधीश ने मीडिया इंटरव्यू पर जारी किया बयान, कहा कड़वा सच यादों में रहे
मीडिया के साथ साक्षात्कार के लिए इनकार करते हुए देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने असमर्थता जताते हुए एक बयान जारी किया है।
इन बयानों में मुख्य न्यायाधीश ने कहा है कि कई पत्रकारों से एक से एक साक्षात्कार अनुरोध प्राप्त किए हैं। बेंच और जजों को अपनी आजादी का प्रयोग चुप्पी बनाए रखने के लिए करना चाहिए। न्यायाधीश कार्यात्मक आवश्यकता से बाहर बात कर सकते हैं।
कड़वा सच स्मृति में रहना चाहिए। प्रेस की दरियादिली का आइडिया कभी भी मेरी संस्था के हित में पसंद नहीं आया।
उन्होंने कहा कि न्यायपालिका की ताकत जनता के विश्वास और भरोसे में निहित है जो काम के माध्यम से जजों के रूप में अर्जित की गई है और ना कि अच्छी प्रेस के जरिए। प्रेस के माध्यम से नागरिकों तक पहुंचना हमारी संस्था या जजों की आवश्यकता नहीं है। असाधारण स्थिति में मीडिया के प्रयोग का अपवाद आदर्श हो सकता है। अच्छा प्रेस भी हमारे संस्थागत स्वास्थ्य का संकेत देने वाला एक पैरामीटर है। CJI के रूप में मेरे कार्यकाल के दौरान मेरे कार्यालय, हमारी संस्था के लिए प्रेस के सदस्यों ने दयालुता दिखाई। यहां तक कि कठिन समय के दौरान अधिकांश प्रेस सदस्यों ने परिपक्वता का प्रदर्शन किया।
मीडिया ने अफवाहों, असत्य के समाचारों को रोकने के लिए असाधारण विवेक का प्रयोग किया। समय के साथ सच और लोकतांत्रिक आदर्शों के रक्षक के रूप में पत्रकारों की भूमिका सामने आई। एक बार सेवानिवृत्ति के बाद वो पारस्परिक हित की चीजों पर बात करने के लिए मिलने के लिए तत्पर रहेंगे।