एलोपैथी विरोधी टिप्पणियों को लेकर स्वामी राम देव के खिलाफ क्लोजर रिपोर्ट दाखिल

Update: 2025-09-09 07:18 GMT

सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया गया कि छत्तीसगढ़ के अधिकारियों ने योग गुरु और पतंजलि आयुर्वेद के संस्थापक स्वामी रामदेव के खिलाफ COVID-19 महामारी के दौरान एलोपैथी दवाओं के खिलाफ की गई टिप्पणियों को लेकर दर्ज FIR के संबंध में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की।

यह मामला जस्टिस एम.एम. सुंदरेश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की खंडपीठ के समक्ष था। खंडपीठ को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस घटनाक्रम की जानकारी दी।

सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ दवे राम देव की ओर से पेश हुए और अनुरोध किया कि आदेश में बयान दर्ज किया जाए।

खंडपीठ ने ऐसा नहीं किया और उनका मानना ​​था कि रामदेव की FIR को एक साथ करने की प्रार्थना अब लागू नहीं होती, क्योंकि बिहार में केवल एक FIR लंबित है। हालांकि, दवे ने आशंका व्यक्त की कि यदि शिकायतकर्ता विरोध याचिका दायर करता है तो कार्यवाही फिर से शुरू हो सकती है। इसलिए मामले का निपटारा करने से पहले बिहार FIR की स्थिति का पता लगाया जा सकता है।

गौरतलब है कि सॉलिसिटर जनरल ने टिप्पणी की कि FIR (एक बिहार में और दूसरी छत्तीसगढ़ में) "स्पष्ट रूप से" "प्रायोजित" व्यक्तियों द्वारा दर्ज की गईं। अंततः खंडपीठ ने मामले की सुनवाई स्थगित कर दी।

वर्तमान याचिका पर अक्टूबर, 2023 में नोटिस जारी किया गया।

Case Title: Swami Ram Dev v. Union of India & Ors. | Writ Petition (Criminal) No. 265 of 2021

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