ऑनलाइन गेमिंग अधिनियम 2025 को चुनौती देने वाली याचिकाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची सरकार

Update: 2025-09-04 06:20 GMT

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की कि ऑनलाइन गेमिंग अधिनियम 2025 को चुनौती देने वाली तीन हाईकोर्ट में दायर विभिन्न रिट याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित किया जाए।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की खंडपीठ के समक्ष केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील ने यह अनुरोध किया कि वर्तमान स्थानांतरण याचिका को आगामी सोमवार को सूचीबद्ध किया जाए।

उन्होंने कहा:

"नए अधिनियम को चुनौती दी गई। मैं सोमवार को सूचीबद्ध करने का अनुरोध कर रहा हूं, क्योंकि अंतरिम आदेश कर्नाटक हाईकोर्ट में सूचीबद्ध है।"

खंडपीठ ने शीघ्र सूचीबद्ध करने पर सहमति व्यक्त की।

उल्लेखनीय है कि ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन अधिनियम 2025 को दिल्ली हाईकोर्ट, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट और कर्नाटक हाईकोर्ट (जहां भी उक्त अधिनियम पर अंतरिम रोक लगाने का अनुरोध किया गया है) में चुनौती दी गई।

विभिन्न हाईकोर्ट में दायर सभी याचिकाओं में चुनौती का मुख्य आधार यह है कि यह अधिनियम उन खेलों पर भी प्रतिबंध लगाता है, जिनमें केवल संयोग नहीं, बल्कि कौशल का खेल शामिल होता है, खासकर ई-स्पोर्ट्स। यह तर्क दिया गया कि यह अधिनियम न्यायिक रूप से मान्यता प्राप्त कौशल-आधारित खेलों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाता है, जिससे अनुच्छेद 19(1)(जी) का उल्लंघन होता है।

यह विवादित अधिनियम संसद द्वारा 21 अगस्त को पारित किया गया और 22 अगस्त को राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त हुई।

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