सुप्रीम कोर्ट में सीबीएसई, सीआईएससीई ने इम्प्रूवमेंट, कंपार्टमेंट, प्राइवेट, पत्राचार परीक्षाओं के कार्यक्रम के बारे में सूचित किया; सितंबर अंत तक रिजल्ट घोषित किया जाएगा
सुप्रीम कोर्ट में सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) और काउंसिल फॉर इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) ने इम्प्रूवमेंट, कंपार्टमेंट, प्राइवेट और पत्राचार परीक्षाओं के शेड्यूल के बारे में सूचित कर दिया है।
I.C.S.E के हलफनामे में कार्यक्रम इस प्रकार है: -
इम्प्रूवमेंट परीक्षा के लिए निम्नलिखित कार्यक्रम का पालन किया जाएगा:
04.08.2021: अभ्यर्थियों को 4 अगस्त, 2021 तक बोर्ड के साथ इम्प्रूवमेंट परीक्षाओं के लिए अपना पंजीकरण कराना होगा।
5/6.08.2021: प्रतिवादी संख्या तीन बोर्ड 5 या 6 अगस्त, 2021 तक विस्तृत परीक्षा कार्यक्रम घोषित करेगा।
16.08.2021: इम्प्रूवमेंट परीक्षाएं 16 अगस्त 2021 से शुरू होंगी।
20.09.2021: इम्प्रूवमेंट परीक्षाओं के परिणाम 20 सितंबर, 2021 के आसपास घोषित किए जाएंगे।
सीबीएसई का शेड्यूल कुछ इस प्रकार है;
कक्षा बारहवीं और दसवीं के छात्रों के लिए परीक्षा में इम्प्रूवमेंट/ कंपार्टमेंट/ प्राइवेट/ पत्राचार के लिए सीबीएसई के निम्नलिखित कार्यक्रम का पालन किया जाएगा:
10.08.2021: सीबीएसई पोर्टल पंजीकरण के लिए छात्रों के लिए खोला जाएगा।
10.08.2021: सीबीएसई द्वारा परीक्षाओं के लिए डेट शीट घोषित करने का सर्कुलर जारी किया जाएगा।
25.08.2021: परीक्षाएं शुरू होंगी।
15.09.2021: अंतिम पेपर के साथ परीक्षा का समापन होगा।
30.09.2021: परिणाम घोषित किया जाएगा।
न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने अपने आदेश में दोनों बोर्डों द्वारा दिए गए उपरोक्त कार्यक्रम को दर्ज किया। पीठ उत्तर प्रदेश के निजी स्कूलों के एसोसिएशन द्वारा दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
पीठ ने कहा कि,
"दोनों बोर्डों द्वारा दिए गए इस आश्वासन के आलोक में याचिकाकर्ताओं और इसी तरह के लोगों को संबंधित बोर्डों द्वारा परीक्षा आयोजित करने और उसके परिणाम घोषित करने में अनिश्चितता के बारे में आशंका के संबंध में और कुछ करने की आवश्यकता नहीं है।"
याचिकाकर्ता ने परिणाम समिति द्वारा छात्रों को उनके अंकों में कटौती की सीमा के बारे में सूचित नहीं करने के बारे में एक और आशंका जताई।
सीबीएसई ने इस संबंध में कोर्ट को बताया कि वह सभी स्कूलों को आंतरिक मूल्यांकन अंक, पिछले तीन वर्षों में उच्चतम औसत और परिणाम समिति द्वारा मामले के आधार पर आवंटित अंकों को अधिसूचित करने का निर्देश देगा। यह उस संबंधित स्कूल (स्कूलों) की जिम्मेदारी होगी जहां छात्र पढ़ाई कर रहे हैं।
कोर्ट ने कहा कि,
"यह व्यवस्था हमारी राय में याचिकाकर्ताओं की शिकायत का निवारण करेगी।"
पीठ ने राज्य बोर्डों को लिखित परीक्षा रद्द होने पर फीस वापस करने का निर्देश देने की प्रार्थना को खारिज कर दिया। पीठ ने प्रारंभिक कार्य के लिए खर्च की गई राशि को वापस करने में असमर्थता के बारे में राज्य बोर्डों द्वारा परीक्षा आयोजित करने के लिए तार्किक व्यवस्था करने के लिए उठाए गए स्टैंड को मंजूरी दे दी और जिसे अंतिम समय में रद्द करना पड़ा।
मामले का विवरण
केस का शीर्षक: यूपी के निजी स्कूलों का एसोसिएशन एंड अन्य बनाम भारत संघ
बेंच: जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी