Byju के आरपी ने आकाश की शेयरधारिता पर हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट से वापस ली
सुप्रीम कोर्ट ने थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड (एड-टेक प्लेटफॉर्म Byju चलाने वाली कंपनी) के समाधान पेशेवर द्वारा दायर याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। इसमें कर्नाटक हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई, जिसमें आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड (Byju की सहायक कंपनी) की शेयरधारिता पर यथास्थिति बनाए रखने के NCLT के निर्देश को खारिज कर दिया गया था।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने अपील उपाय होने पर राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण के आदेश में हाईकोर्ट के हस्तक्षेप को मंजूरी नहीं दी, लेकिन उसने हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप न करने का फैसला किया, क्योंकि आकाश ने NCLT के समक्ष थिंक एंड लर्न के शेयरों को कम नहीं करने का वचन दिया।
इस पृष्ठभूमि में थिंक एंड लर्न ने सुप्रीम कोर्ट से याचिका वापस लेने का फैसला किया।
जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की खंडपीठ ने कहा:
"इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) द्वारा पारित आदेश को अपीलीय प्राधिकरण, यानी राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) के समक्ष चुनौती दी जा सकती थी, हमारा विचार है कि संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत हाईकोर्ट के लिए अधिकारिता का प्रयोग करने का कोई अवसर नहीं था। हालांकि, बाद के घटनाक्रमों को देखते हुए हम हाईकोर्ट द्वारा पारित विवादित निर्णय(ओं) और आदेश(ओं) में हस्तक्षेप करने के लिए इच्छुक नहीं हैं।
इन परिस्थितियों में याचिकाकर्ताओं की ओर से उपस्थित सीनियर एडवोकेट पी.एस. पटवालिया विशेष अनुमति याचिकाओं को वापस लेने की मांग करते हैं। अनुमति प्रदान की जाती है। विशेष अनुमति याचिकाओं को वापस लिए जाने के रूप में खारिज किया जाता है।"
27 मार्च को NCLT बेंगलुरु ने थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड के समाधान पेशेवर द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए आकाश की शेयरधारिता पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया। आकाश ने इस आदेश को हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी, जिसमें तर्क दिया गया कि यथास्थिति आदेश उन्हें सुने बिना पारित किया गया।
8 अप्रैल को हाईकोर्ट ने NCLT का आदेश रद्द कर दिया और सभी पक्षों को सुनने के बाद नए सिरे से निर्णय लेने के लिए मामले को ट्रिब्यूनल को वापस भेज दिया। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि आकाश द्वारा अपने शेयर ढांचे में बदलाव न करने का दिया गया वचन 30 अप्रैल तक लागू रहेगा। 30 अप्रैल को यही वचन NCLT के समक्ष भी दिया गया था।
केस टाइटल: थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड बनाम आकाश एजुकेशनल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड | एसएलपी (सी) 12268- 12269/2025