इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एनपीआर का डेटा एकत्रित करने के प्रोफार्मा की प्रति उपलब्ध कराने की मांग करने वाली याचिका पर नोटिस जारी किए
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने एक याचिका पर नोटिस जारी किया है जिसमें याचिकाकर्ताओं ने मांग की है उन्हें कि उस प्रोफार्मा की प्रति उपलब्ध करने के निर्देश, संबंधित अधिकारियों को दिए जाएं जिसमें नागरिकों के सभी व्यक्तिगत डेटा को राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के अपडेशन के उद्देश्य से अधिकारियों द्वारा एकत्रित किया जाएगा।
मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति चंद्रधारी सिंह की पीठ एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें यह चिंता जताई गई थी कि एनपीआर के अपडेशन के लिए एकत्र किए गए नागरिकों के डेटा का इस्तेमाल नेशनल रजिस्टर ऑफ इंडियन सिटीजन (एनआरसी) की नींव बनाने के लिए किया जाएगा।
याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि सभी नागरिकों के लिए यह आवश्यक होगा कि वे एनआरसी से बाहर किए जाने की स्थिति में प्रोफार्मा की एक प्रति रखें।
उन्होंने कहा, " एकत्र किए गए डेटा को भारतीय नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर के लिए आधार बनाया जाएगा और इसलिए यह आवश्यक होगा कि प्रोफार्मा की प्रतिलिपि पास हो, जिसमें सभी व्यक्तिगत डेटा जो नागरिक द्वारा प्रदान किए गए हों।"
याचिकाकर्ता ने यह भी दावा किया कि सरकार द्वारा संबंधित निवासियों को सुनवाई का अवसर प्रदान किए बिना कोई प्रतिकूल निर्णय नहीं लिया जा सकता।
उन्होंने कहा, एक उद्देश्यपूर्ण और निष्पक्ष सुनवाई के लिए आवश्यक है कि सभी सामग्रियों की आपूर्ति की जाए, जिस पर उत्तरदाता भारतीय नागरिक के राष्ट्रीय रजिस्टर में जानकारी दर्ज करने से संबंधित कोई भी निर्णय लेते समय भरोसा कर सकें।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने हाल ही में स्पष्ट किया था कि फिलहाल उसकी देशव्यापी एनआरसी लागू करने की कोई योजना नहीं है, हालांकि 1 अप्रैल 2020 से 30 सितंबर 2020 के बीच राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अपडेट किया जाएगा, साथ ही असम को छोड़कर पूरे देश में हाउस लिस्टिंग और हाउसिंग सेंसस की जाएगी।
इसके अलावा, एनपीआर के लिए एकत्र किए गए डेटा का उपयोग विभिन्न सरकारी योजनाओं और सब्सिडी के लाभार्थियों की पहचान करने के लिए किया जाएगा। 2010 में बनाया गया, एनपीआर एक डेटाबेस है जिसमें भारत के 'सामान्य निवासियों' की जनसांख्यिकीय जानकारी है, जिसमें भारतीय और विदेशी नागरिक भी शामिल हैं।
नागरिकता के नियम 3 (नागरिकों का पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करना) नियम, 2003 के तहत NPR को बनाए रखने के लिए सरकार को अधिकार दिया गया है। इस उद्देश्य के लिए, यह निम्नलिखित डेटा एकत्र किया जा सकता है: (i) (नाम; (ii) पिता का नाम; (iii) माता का नाम; (iv) सेक्स; (v) जन्म तिथि; (vi) जन्म का स्थान; (vii) आवासीय पता (वर्तमान और स्थायी); (viii) वैवाहिक स्थिति- यदि विवाहित हों, पति या पत्नी का नाम; (ix) दृश्यमान पहचान चिह्न; (x) नागरिक पंजीकरण की तिथि; (xi) पंजीकरण की क्रमिक संख्या; और (xii) राष्ट्रीय पहचान संख्या।
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