COVID 19: कंपार्टमेंट परीक्षा कराने के सीबीएसई के फैसले के विरोध में आइसा ने सुप्रीम कोर्ट को भेजा पत्र
छात्र संगठन ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) ने COVID-19 महामारी के बीच, कंपार्टमेंट परीक्षा के संचालन के सीबीएसई के "कठोर निर्णय" से दुखी होकर सुप्रीम कोर्ट को एक पत्र भेजा है।
पत्र याचिका, देश भर के 809 छात्रों की ओर से भेजी गई है, जिसमें अदालत से आग्रह किया गया है कि वह इस मुद्दे पर स्वतः संज्ञान ले और महामारी समाप्त होने तक कंपार्टमेंट परीक्षा आयोजित करने के फैसले को ठंडे बस्ते में डाल दे।
उल्लेखनीय है कि दसवीं और बारहवीं कक्षा के ऐसे छात्रों के लिए कम्पार्टमेंट परीक्षा का आयोजन किया जाता है, जिन्होंने बोर्ड परीक्षा में एक या दो विषयों को क्लियर नहीं किया हो।
छात्र संगठन ने अपने पत्र में महामारी के बीच ऑफ़लाइन परीक्षाओं को आयोजित करने पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि यह छात्रों / अभिभावकों / शिक्षकों और कर्मचारियों को जोखिम में डाल देगा।
पत्र में दावा किया गया है कि सीबीएसई का निर्णय गृह मंत्रालय द्वारा जारी अनलॉक III के लिए जारी किए गए दिशानिर्देशों के विपरीत है। गृह मंत्रालय के दिशा निर्देशों में कहा गया है कि स्कूल, कॉलेज और शैक्षणिक संस्थान 31 अगस्त, 2020 तक बंद रहेंगे।
पत्र में केंद्रीय उच्च शिक्षा मंत्री के एक बयान का हवाला दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि देश में स्कूलों के फिर से खोलने पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है और छात्रों की सुरक्षा पर विचार किए बिना कोई भी निर्णय नहीं लिया जाएगा।
पत्र में कहा गया है, "देश में अभूतपूर्व स्वास्थ्य आपातकाल और COVID-19 मामलों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर, कम्पार्टमेंट परीक्षा का संचालन परीक्षार्थियों को बड़े जोखिम में डाल देगा..."
पत्र याचिका में कंपार्टमेंट परीक्षा कराने में होने वानी व्यावहारिक कठिनाइयों की चर्चा की गई है। पत्र में कहा गया है कि कई कॉलेज प्रवेश की अंतिम तारीखों की घोषणा कर चुके हैं, जबकि कंपार्टमेंट परीक्षाओं के लिए शेड्यूल जारी नहीं किया गया है।
इसके अलावा, दसवीं कक्षा से ग्यारहवीं कक्षा में पदोन्नत किए गए कई छात्रों की ऑनलाइन कक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। ये उन छात्रों को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर रही हैं, हो अपनी परीक्षा पूरी होने के बारे में निश्चित नहीं हैं।
गौरतलब है कि कक्षा 10वीं के 150198 और कक्षा 12 वीं के 87651 छात्रों को कंपार्टमेंट श्रेणी में रखा गया है। इस फैसले को अनिका सामवेदी व अन्य बनाम यूनियन ऑफ इंडिया व अन्य में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष चुनौती दी गई थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 31 जुलाई, 2020 के आदेश में याचिका को रद्द कर दिया था और याचिकाकर्ताओं को सीबीएसई के समक्ष इस संबंध में प्रतिनिधित्व पेश करने का निर्देश दिया था।
पत्र याचिका में कहा गया है कि अधिकारियों के सामने एक प्रतिनिधित्व पेश करने के बावजूद, उन्होंने "वर्तमान स्वास्थ्य संकट को ध्यान में रखे बिना", कंपार्टमेंट परीक्षा आयोजित करने के निर्णय को बरकरार रखा है।
पत्र में स्पष्ट किया गया है कि छात्र कंपार्टमेंट परीक्षा के महत्व का विरोध नहीं करते हैं, लेकिन वे इस संबंध में, महामारी की स्थिति के कारण, एक उचित दिशा निर्देश चाहते हैं। उन्होंने शीर्ष अदालत से वैकल्पिक मूल्यांकन योजना के लिए कदम उठाने और पूर्ण न्याय करने का आग्रह किया है।
उन्होंने मांग की है कि छात्रों को अंतरिम रूप में, अस्थायी उत्तीर्ण प्रमाण पत्र प्रदान किया जाए, ताकि बारहवीं कक्षा के छात्र कॉलेजों में प्रवेश से वंचित न हों।
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