एक्ट यौन उत्पीड़न मामला: सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल के शीघ्र पूरा होने की उम्मीद जताई, प्रोग्रेस रिपोर्ट मांगी
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उम्मीद जताई कि 2017 के मलयालम एक्ट यौन उत्पीड़न मामले में चल रहे मुकदमे को तेजी से पूरा किया जाएगा।
जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस संजय कुमार की खंडपीठ ने न्यायालय के पहले के निर्देशों के अनुरूप अब तक की सुनवाई की प्रोग्रेस पर ट्रायल जज की रिपोर्ट का अध्ययन करते हुए यह बात कही।
खंडपीठ ने ट्रायल जज को सुनवाई की अगली तारीख 8 मई से पहले मुकदमे के संबंध में एक और प्रोग्रेस रिपोर्ट भेजने का भी निर्देश दिया।
खंडपीठ ने आदेश दिया,
"मुकदमे और समग्र परिस्थितियों से निपटने वाले ट्रायल जज द्वारा भेजी गई रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए इन मामलों को स्थगित कर दिया गया है, जबकि शीघ्र कार्यवाही की उम्मीद है। इन मामलों को 08.05.2023 को सूचीबद्ध करें। हम उम्मीद करेंगे कि ट्रायल जज अगली तारीख से पहले आगे की प्रोग्रेस रिपोर्ट भेजेंगे।"
फरवरी में अदालत ने एर्नाकुलम में अदालत के समक्ष चल रहे मुकदमे में गवाहों की जांच में हस्तक्षेप करने के लिए कोई भी आदेश पारित करने से इनकार कर दिया था। मामले के अभियुक्त प्रमुख मलयालम एक्टर दिलीप ने मुकदमे के लिए निर्धारित 31 जनवरी की समय सीमा से कुछ ही समय पहले 41 अतिरिक्त गवाहों की जांच करने के लिए अभियोजन पक्ष द्वारा किए गए कदम पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि अभियोजन पक्ष की ओर से मुकदमे को लंबा खींचने की कोशिश की जा रही है।
फरवरी की सुनवाई में पीड़िता की ओर से पेश सीनियर वकील आर बसंत ने कहा कि दिलीप यह तय नहीं कर सकता कि कौन सा गवाह प्रासंगिक है और ट्रायल कोर्ट के सामने उसकी जांच की जानी चाहिए।
केस टाइटल: पी गोपालकृष्णन @दिलीप बनाम केरल राज्य | आपराधिक अपील नंबर 1794/2019 में एम.ए