पुलवामा हमले की साजिश के आरोपी को मिली डिफ़ॉल्ट ज़मानत, एनआईए चार्जशीट दाखिल करने में विफल
एनआईए ने कहा कि ‘‘पर्याप्त सबूत न होने’’ के कारण आरोप पत्र दायर नहीं किया गया।
पुलवामा हमले की साजिश के एक आरोपी को जमानत मिल गई है क्योंकि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) निर्धारित वैधानिक अवधि के भीतर आरोप पत्र दायर करने में विफल रही है।
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में स्थित एक एनआईए अदालत ने 18 फरवरी, 2020 को यह आदेश दिया था, जिसमें कहा गया था कि अभियुक्त यूसुफ चोपान, वैधानिक जमानत के हकदार थे।
ज़मानत के लिए आवेदन इस आधार पर दायर किया गया था कि चोपान लगभग 180 दिनों से हिरासत में था और जांच एजेंसी निर्धारित समय बीतने के बावजूद आरोप पत्र दाखिल नहीं कर पाई थी।
एनआईए ने माना कि चोपान के संबंध में जांच करने की अवधि 11 फरवरी, 2020 को समाप्त हो गई थी और ''पर्याप्त सबूतों'' की कमी के कारण कोई आरोप पत्र दायर नहीं किया गया था। यह भी बताया गया कि एजेंसी द्वारा मामले में आगे की जांच की जा रही है।
न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने आरोपी की दलील को स्वीकार कर लिया और 50,000 रुपये के निजी मुचलके व इतनी राशि का एक जमानत पेश करने की शर्त पर जमानत प्रदान कर दी। साथ ही उसे जांच में सहयोग करने और आवश्यकता पड़ने पर अदालत में पेश होने का भी निर्देश दिया है।
इसके अतिरिक्त, वह इस तरह का कोई भी अपराध नहीं करेगा, न ही किसी भी ऐसे व्यक्ति को प्रभावित करेगा जो मामले के संबंध में जानकारी देने में सक्षम हो या सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेगा।
14 फरवरी, 2019 को पुलवामा जिले में जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर एक सीआरपीएफ की बस में विस्फोटकों से भरी एक कार घुसाई गई थी, जिसके कारण 40 सीआरपीएफ कर्मियों की मौत हो गई थी या शहीद हो गए थे। प्रतिबंधित आतंकवादी समूह, जैश-ए-मोहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी ली थी और जिस आत्मघाती हमलावर ने इसे अंजाम दिया था, उसका वीडियो जारी किया था।