गुजरात में RS चुनाव : दो सीटों पर अलग- अलग चुनाव के खिलाफ कांग्रेस की याचिका पर SC ने दखल देने से इनकार किया, कहा चुनावी याचिका दाखिल करें
गुजरात में राज्य की 2 राज्यसभा सीटों के लिए अलग- अलग चुनाव कराने के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली गुजरात कांग्रेस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया है।
जनहित याचिका पर सुनवाई करने से पीठ का इनकार
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बी. आर. गवई की अवकाश पीठ ने मंगलवार को कहा कि अदालत इस मामले में जनहित याचिका पर दखल नहीं देगी। पीठ ने कांग्रेस की ओर से पेश वरिष्ठ वकील व राज्यसभा सासंद विवेक तन्खा को कहा कि चुनाव के लिए नोटिफिकेशन जारी हो चुका है और आगामी मंगलवार ही नामांकन का आखिरी दिन है।
लिहाजा वो 5 जुलाई को होने वाले चुनाव में दखल नहीं देंगे। पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता बाद में हाईकोर्ट में चुनावी याचिका दाखिल कर चुनाव को चुनौती दे सकते हैं।
याचिका का किया गया विरोध
इस दौरान चुनाव आयोग की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी ने इस याचिका का विरोध किया और कहा कि नोटिफिकेशन हो चुका है और अब अदालत इसमें दखल नहीं दे सकती।
चुनाव आयोग की दलील
सोमवार को चुनाव आयोग ने हलफनामा दाखिल कर याचिका का विरोध किया था और कहा था कि ये याचिका, सुनवाई योग्य नहीं है। संविधान के मुताबिक चुनावी प्रक्रिया में अदालत दखल नहीं दे सकती। हलफनामे में आगे कहा गया कि कैजुअल वेकेंसी को वर्ष 1957 से ही इसी तरह अलग- अलग चुनाव के जरिए भरा जाता है। इस संबंध में दिल्ली और बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी इस प्रक्रिया को बरकरार रखा है। इससे पहले 19 जून को कोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
गुजरात में उत्पन्न हुई राज्यसभा चुनाव कराने की स्थिति
दरअसल गुजरात में राज्य की 2 राज्यसभा सीटों के लिए अलग-अलग उपचुनाव कराने के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देते हुए गुजरात कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। ये दोनों सीटें भाजपा प्रमुख अमित शाह और स्मृति ईरानी के लोकसभा के चुनाव जीतने के कारण खाली हुई हैं।
अमित शाह को केंद्रीय गृह मंत्री और ईरानी को महिला एवं बाल विकास मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया है। धनानी ने चुनाव आयोग के फैसले को "असंवैधानिक, मनमाना, गैरकानूनी" बताते हुए रद्द करने की मांग की थी। उनका कहना था कि यह संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है।