गुजरात में RS चुनाव : दो सीटों पर अलग- अलग चुनाव के खिलाफ कांग्रेस की याचिका SC ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया

Update: 2019-06-19 08:49 GMT

गुजरात में राज्य की 2 राज्यसभा सीटों के लिए अलग- अलग चुनाव कराने के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली गुजरात कांग्रेस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर उनकी ओर से जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई 25 जून को करेगा।

बुधवार को सुनवाई के दौरान जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस सूर्य कांत की अवकाश पीठ ने यह कहा कि इस मुद्दे पर विस्तार से सुनवाई की जरूरत है।

"मामले में विस्तार से सुनवाई की जरूरत"

हालांकि इस दौरान चुनाव आयोग ने इस याचिका का विरोध करते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत जनहित याचिका में इस तरह सुनवाई नहीं हो सकती। इसपर पीठ ने कहा कि इस मुद्दे को अचानक चुनाव के वक्त नहीं उठाया जा सकता, लेकिन ऐसे मामले की सुप्रीम कोर्ट ने कभी सुनवाई नहीं की इसलिए इसकी विस्तार से सुनवाई की जरूरत है।

मामले में जल्द सुनवाई की हुई थी मांग
इससे पहले मंगलवार को याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील व राज्यसभा सासंद विवेक तन्का ने जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस सूर्य कांत की अवकाश पीठ के समक्ष इस केस की जल्द सुनवाई का आग्रह किया था। उन्होंने पीठ को बताया कि 5 जुलाई को ये चुनाव होने हैं। इस पर पीठ ने कहा था कि इस याचिका पर बुधवार को सुनवाई होगी।

गुजरात राज्य की 2 राज्यसभा सीटों पर चुनाव से जुड़ा है मामला
दरअसल गुजरात में राज्य की 2 राज्यसभा सीटों के लिए अलग-अलग उपचुनाव कराने के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देते हुए गुजरात कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। ये दोनों सीटें भाजपा प्रमुख अमित शाह और स्मृति ईरानी के लोकसभा के चुनाव जीतने के कारण खाली हुई हैं।

अमरेली से कांग्रेस विधायक और गुजरात विधानसभा में विपक्ष के नेता परेशभाई धनानी द्वारा दायर याचिका में 2 सीटों के लिए एक साथ चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की गई है।

चुनाव आयोग का अपने फैसले के लिए दिया गया तर्क
वकील वरुण के. चोपड़ा के माध्यम से दायर याचिका में चुनाव आयोग के 15 जून के फैसले को चुनौती दी गई है जिसमें 5 जुलाई को दोनों सीटों के लिए चुनाव निर्धारित किया गया है। चुनाव आयोग का कहना है कि अमित शाह को 23 मई को लोकसभा चुनाव का विजेता घोषित किया गया जबकि ईरानी का परिणाम 24 मई को घोषित हुआ। ऐसे में दोनों के परिणामों में 1 दिन का अंतर हुआ। ऐसे में दोनों सीटों का चुनाव एक ही दिन होगा लेकिन अलग- अलग होगा।

फैसले को बताया गया "असंवैधानिक, मनमाना, गैरकानूनी"
दरअसल अमित शाह को केंद्रीय गृह मंत्री और ईरानी को महिला एवं बाल विकास मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया है। धनानी ने चुनाव आयोग के फैसले को "असंवैधानिक, मनमाना, गैरकानूनी" बताते हुए रद्द करने की मांग की है। उनका कहना है कि यह संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है।

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