उरी और पुलवामा हमला : खामियों को लेकर जांच आयोग के गठन की मांग की PIL पर SC ने दखल देने से किया इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया जिसमें सरकार को उरी और पुलवामा हमले की जांच करने के लिए सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की अध्यक्षता में आयोग का गठन करने का दिशानिर्देश मांगा गया था।
आपको बता दें कि याचिका में साथ ही सेना, खुफिया विभाग और स्थानीय प्रशासन को भी इसमें शामिल कर उरी और पुलवामा हमले को अंजाम देने में पाकिस्तान से आए आतंकवादियों की मदद करने में स्थानीय स्तर पर भारतीय नागरिकों द्वारा निभाई गई भूमिका के बारे में भी जांच कराने का अनुरोध किया गया था।
सोमवार को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील जे. पी. ढांडा से कहा कि अदालत इस मामले में दखल नहीं देगी।
दरअसल वकील विनीत ढांडा द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया था कि उरी हमले में भारत सरकार और सेना ने जांच के बाद कई प्रक्रियागत खामियां पाईं, लेकिन इस तरह की प्रक्रियात्मक खामियों के पीछे के कारण और लोगों को ना तो तलाशा गया और ना ही उन्हें दंडित किया गया। बावजूद इसके कि कुछ स्थानीय लोगों द्वारा पाकिस्तानी आतंकियों की मदद की गई।
याचिका में ये भी कहा गया कि उरी हमले की गहराई में जाने के लिए कभी भी कोई कार्रवाई नहीं की गई जिसके परिणामस्वरूप जैश-ए-मोहम्मद जैसे इन आतंकवादी संगठनों का आत्मविश्वास बढ़ गया। और यह आत्मविश्वास इस हद तक बढ़ गया कि 14 फरवरी 2019 को उसी संगठन ने CRPF के बहादुर सैनिकों पर आत्मघाती हमला किया जिसके परिणामस्वरूप 40 से अधिक सैनिक पुलवामा में शहीद हो गए।
"पुलवामा हमले में हमारे 40 से अधिक सैनिकों के बहुमूल्य जीवन का नुकसान हुआ जो पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का परिणाम है, लेकिन पाकिस्तानी आतंकवाद के समर्थन में स्थानीय (भारत की ओर से) सहायता भी शामिल है, क्योंकि ये असंभव है कि एक स्थानीय व्यक्ति अपने दम पर 350 किलोग्राम आरडीएक्स की व्यवस्था करे और फिर सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर बमबारी करने का एक कायरतापूर्ण कार्य करे।
भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल लोग पाकिस्तानी आतंकी संगठनों का समर्थन करते हैं, यह लोग विशेष रूप से उन राजनीतिक दल के नेता हैं जो न केवल आतंकवाद का समर्थन कर रहे हैं, बल्कि युवाओं को आतंकवाद के प्रति गुमराह करने में भी सक्रिय रूप से शामिल हैं और इससे सैनिकों को गंभीर अशांति महसूस हो रही है और उनकी बहुमूल्य जान का नुकसान हो रहा है। जिसके परिणामस्वरूप न केवल जम्मू और कश्मीर राज्य बल्कि महान देश भारत को भी अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है। "
यह भी आरोप लगाया गया कि जम्मू और कश्मीर की राज्य सरकार ने राज्य में अराजकता को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त सख्त कार्रवाई नहीं की है, वहीं राज्य सरकार ने राज्य में सशस्त्र बलों पर पथराव की घटनाओं को बढ़ावा देने में मदद की है।
याचिका में की गयी अन्य प्रार्थनाएं
ए- एक उपयुक्त रिट आदेश या निर्देश जारी करें जिसमें भारत और याचिका उत्तरदाताओं को यह निर्देश दिया जाए कि वे उन हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेताओं के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें, जो सक्रिय रूप से राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं।
बी- एक उपयुक्त रिट आदेश या निर्देश जारी करें जिसमें भारत संघ और याचिका के उत्तरदाताओं को यह निर्देश दिया जाए कि वे हुर्रियत कांफ्रेंस और उनके नेताओं से संबंधित खातों को फ्रीज कर दें और इस माननीय न्यायालय के समक्ष एक कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
सी- एक उपयुक्त रिट आदेश या निर्देश जारी करें जिसमें भारत और याचिका के उत्तरदाताओं को यह निर्देश दिया जाए कि वे हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं को दिए गए सुरक्षा आदेश को तत्काल प्रभाव से वापस ले लें और इस माननीय न्यायालय के समक्ष उस संबंध में एक कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
डी- एक उपयुक्त रिट आदेश या निर्देश जारी करें जिसमें भारत संघ और याचिका के उत्तरदाताओं को यह निर्देश दिया जाए कि वे हुर्रियत कॉन्फ्रेंस और अन्य राष्ट्र-विरोधी दलों को लोकसभा चुनाव और अन्य राज्य चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित करें।
ई- एक उचित रिट आदेश या निर्देश जारी करें जो भारत संघ के याचिका के उत्तरदाताओं को यह निर्देश दे कि सोशल मीडिया पर देश के खिलाफ राष्ट्रविरोधी, सशस्त्र-विरोधी, शहीदों और अन्य पर अपमानजनक टिप्पणी करने को अपराध घोषित करने से संबंधित अधिसूचना जारी की जाए।
एफ - एक उचित रिट आदेश या निर्देश जारी करें जिसमें भारत संघ और याचिका के उत्तरदाताओं को पुलवामा हमले के शहीदों के परिवारों के लिए भेजे जा रहे धन के बारे में उचित लेखा जोखा रखने और जानकारी रखने के लिए निर्देश दे ताकि पैसा शहीदों के परिवारों तक ही पहुंचे।
जी- एक उपयुक्त रिट आदेश या निर्देश जारी करें जिसमें भारत संघ को यह निर्देश दिया जाए कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी औपचारिक रूप से उन सभी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेताओं के खिलाफ औपचारिक रूप से गिरफ्तारी आदि कानूनी कार्रवाई करे जिनके खिलाफ ठोस सबूत उपलब्ध हैं।
एच- एक उपयुक्त रिट आदेश या निर्देश जारी करें जो भारत संघ और याचिका के उत्तरदाताओं को जम्मू और कश्मीर राज्य में उन स्थानीय लोगों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दे जो किसी भी रूप में वहां मौजूद सशस्त्र बलों पर हमला करते हैं।
आई- एक उपयुक्त रिट आदेश या निर्देश जारी करें जिसमें भारत और याचिका के उत्तरदाताओं को जम्मू और कश्मीर राज्य में भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल सभी लोगों, धार्मिक और राजनीतिक संगठनों पर प्रतिबंध लगाने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाए।
जे - जम्मू-कश्मीर राज्य के स्थानीय युवाओं के साथ संवाद में सीधे तौर पर शामिल होने के लिए भारत सरकार और याचिका कर उत्तरदाताओं को निर्देश देते हुए एक उपयुक्त रिट आदेश या निर्देश जारी करें और राज्य भर में कल्याणकारी और सहभागिता कार्यक्रम चलाएं जाएं।
के - एक उचित रिट आदेश या निर्देश जारी करें जो भारत संघ को यह निर्देश दे कि वो पाकिस्तान के साथ सभी सांस्कृतिक संबंधों पर प्रतिबंध लगाए और उनके कलाकारों, अभिनेताओं, संगीतकारों और खिलाड़ियों को भारत में प्रवेश करने और प्रदर्शन करने से प्रतिबंधित किया जाए।