चारा घोटाला : लालू यादव ने मांगी जमानत, सुप्रीम कोर्ट ने CBI से दो हफ्ते में मांगा जवाब
करोड़ों रुपए के चारा घोटाले के 3 मामलों में दोषी ठहराए गए RJD अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केन्द्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को नोटिस जारी कर उनकी ओर से जवाब मांगा है।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने सीबीआई को लालू यादव की याचिका पर 2 सप्ताह के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया है।
लालू यादव की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने पीठ से RJD सुप्रीमो की बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य के आधार पर जमानत की मांग की। उन्होंने पीठ को बताया कि वो एक मामले में 22 महीने, दूसरे मामले में 13 महीने और तीसरे मामले में 21 महीने की सज़ा काट चुके है।
दरअसल लालू यादव ने 3 मामलों में उन्हें जमानत देने से इंकार करने के झारखण्ड उच्च न्यायालय के 10 जनवरी के फैसले को चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में उन्होंने कहा है कि वो 71 वर्ष के हो चुके हैं और उन्हें कई बीमारियां हैं जिनके चलते वो पटना के रिम्स में उपचार भी करा रहे हैं।
गौरतलब है कि चारा घोटाला अविभाजित बिहार के पशुपालन विभाग में खजाने से वर्ष 1990 के प्रारंभ में फर्जी तरीके से 900 करोड़ रूपए की रकम निकालने से संबंधित है। लालू प्रसाद यादव उस समय बिहार के मुख्यमंत्री थे। लालू इन 3 मामलों में दिसंबर, 2017 से रांची की बिरसा मुण्डा केन्द्रीय जेल में बंद हैं।
अभी तक लालू यादव चारा घोटाला में 3 मामलों में दोषी ठहराए जा चुके हैं। लालू को चाईबासा कोषागार के 2 मामलों में 5-5 साल तथा देवघर कोषागार मामले में 3.5 साल की सजा मिल चुकी है। मार्च 2018 में चारा घोटाले के दुमका कोषागार से जुड़े मामले में लालू प्रसाद यादव को रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने आईपीसी की धारा 120 और पीसी एक्ट के तहत 7-7 साल की सजा सुनाई थी।
साथ ही उन पर 30-30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। ये चारा घोटाले में मिली सबसे बड़ी सजा है। डोरंडा कोषागार से जुड़ा चारा घोटाले का पांचवा मामला सबसे बड़ा है जिसमें करीब 139.35 करोड़ की अवैध निकासी का आरोप है। इसके अलावा लालू भागलपुर के एक और मामले में भी आरोपी हैं।