कलकत्ता हाईकोर्ट ने चुनाव के बाद की हिंसा का फर्जी मामला दर्ज करने के लिए वादियों पर 10 हजार का जुर्माना लगाया

Update: 2024-07-01 09:38 GMT

कलकत्ता हाईकोर्ट ने लोकसभा चुनाव 2024 के बाद पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा से संबंधित फर्जी मामला दर्ज करने के लिए याचिकाकर्ता और प्रतिवादी पर 5000-5000 रूपए का जुर्माना लगाया।

जस्टिस अमृता सिन्हा की एकल पीठ ने उन पर कुल 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया, जब पक्षकारों ने अपना मामला वापस लेने की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया।

मामले की सुनवाई के दौरान पक्षों ने अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया कि वे मामला वापस लेना चाहते हैं, क्योंकि याचिकाकर्ताओं द्वारा शुरू में दावा किए जाने के बाद कि वे भाजपा कार्यकर्ता थे, जिन्हें सत्तारूढ़ दल के लोगों द्वारा उनके घरों से निकाल दिया गया था, उनके बीच सौहार्दपूर्ण समझौता हो गया।

राज्य के वकील ने कहा कि जांच में पता चला है कि याचिकाकर्ताओं को उनके घरों से निकाला नहीं गया था बल्कि वे वहीं रह रहे थे। उन्होंने अपने पड़ोसी विवाद को चुनाव के बाद की हिंसा का रंग देने की कोशिश की थी।

पक्षकारों को अपना मामला वापस लेने की अनुमति देते हुए कोर्ट ने उन पर 5,000-5,000 रुपये का जुर्माना लगाया।

जस्टिस सिन्हा ने आगे निर्देश दिया कि इस राशि का उपयोग हाईकोर्ट परिसर में महिलाओं के शौचालयों के जीर्णोद्धार के लिए किया जाए।

विशेष रूप से कलकत्ता हाईकोर्ट चुनाव के बाद की हिंसा पर विभिन्न जनहित याचिकाओं से घिरा हुआ है। उसने राज्य को निर्देश दिया कि वह हिंसा में विस्थापित हुए सभी लोगों के लिए सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करे।

केस टाइटल- गोपा दास बनाम पश्चिम बंगाल राज्य और अन्य

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