कलकत्ता हाईकोर्ट ने सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं पर DM, BSF के DIG को बेलडांगा का दौरा करने का निर्देश दिया
कलकत्ता हाईकोर्ट ने मुर्शिदाबाद के जिला मजिस्ट्रेट और BSF के DIG को नवंबर में कार्तिक पूजा के उत्सव के बाद से दो धार्मिक समुदायों के सदस्यों के बीच हुई सांप्रदायिक झड़पों की घटनाओं पर बेलडांगा क्षेत्र का दौरा करने का निर्देश दिया।
जस्टिस हरीश टंडन और जस्टिस हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने कहा,
"यह पता लगाने के लिए कि क्या धार्मिक संरचनाओं में कोई तोड़फोड़ हुई, पूरक हलफनामे में नामों का खुलासा किया गया। इसलिए हम मुर्शिदाबाद के जिला मजिस्ट्रेट और सीमा सुरक्षा बल के उप महानिरीक्षक, राज्य मुख्यालय, बरहामपुर, रोशनबाग, मुर्शिदाबाद को पूरक हलफनामे में उल्लिखित स्थानों या किसी अन्य स्थान पर, यदि उन्हें ऐसा लगता है। संयुक्त रूप से जाने और सूचीबद्ध करने की अगली तारीख पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश देते हैं।"
इस अवसर पर याचिकाकर्ताओं ने पूरक हलफनामा प्रस्तुत किया, जिसमें कई आपत्तिजनक सामग्री और धार्मिक संरचनाओं को तोड़फोड़ और/या आग लगाने के साथ-साथ शब्दों की अभिव्यक्ति वाले संदेश भी दिखाए गए जिससे हिंसा और फैल सकती है।
याचिकाकर्ता के अनुसार, विशेष समुदाय के लोगों की ओर से हिंसा भड़काने के लगातार प्रयास किए गए। वास्तव मे अभी भी हिंसा जारी है। उक्त पूरक हलफनामे में वीडियो का प्रतिलेखन भी शामिल था, जिसके बारे में याचिकाकर्ता ने कहा कि लोगों को भड़काया गया, जिससे सांप्रदायिक हिंसा फिर से हो या सामान्य जीवन में व्यवधान पैदा हो।
राज्य ने 16.11.2024 को भड़की हिंसा के संबंध में उठाए गए कदमों को दर्शाते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत की। राज्य के अनुसार क्षेत्र में इंटरनेट सुविधाएं बहाल कर दी गई। स्थिति भी नियंत्रण में है।
केंद्र ने एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड को भेजी गई प्रारंभिक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें संकेत दिया गया कि न केवल 16.11.2024 को बल्कि उक्त हिंसा 21.11.2024 को और भड़की, जहां विशेष समुदाय के एक सदस्य ने न केवल दूसरे समुदाय के घरों में तोड़फोड़ की, बल्कि एक पुलिस चौकी पर भी हमला किया।
यह कहा गया कि सीमा सुरक्षा बल की टुकड़ियां 20.11.2024 से क्षेत्र में गश्त कर रही हैं और स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है।
तदनुसार, अदालत ने माना कि घटनाओं के जमीनी संस्करण के लिए जमीनी हकीकत को समझने के लिए घटनास्थल पर एक प्रतिनिधिमंडल भेजना होगा।
उन्होंने DM और BSF DIG को क्षेत्र का दौरा करने और अगली सुनवाई से पहले रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
केस टाइटल: संजुक्ता सामंता बनाम भारत संघ और अन्य।