Hate Speech : BJP नेता विक्रम पावस्कर के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति प्राप्त करने के लिए हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस को 4 सप्ताह का समय दिया
बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को महाराष्ट्र पुलिस को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राज्य उपाध्यक्ष विक्रम पावस्कर के खिलाफ Hate Speech के आरोपों के लिए चार सप्ताह के भीतर मुकदमा चलाने की अनुमति प्राप्त करने का आदेश दिया।
जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने मुख्य लोक अभियोजक हितेन वेनेगावकर की दलीलों पर गौर किया। उन्होंने न्यायाधीशों को बताया कि सांगली में नफरत फैलाने वाले भाषण के मामले में आरोपपत्र पावस्कर सहित आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ दायर किया गया।
वेनेगावकर ने जजों से कहा,
"धारा 153ए के तहत अभियोजन की मंजूरी का इंतजार है। हमने इसके लिए आवेदन किया लेकिन मंजूरी देने वाले अधिकारी के पास कुछ प्रश्न थे। हमने अब अपने जवाब प्रस्तुत कर दिए हैं और मंजूरी का इंतजार है।"
इस पर खंडपीठ ने कहा,
"हम आपको अनिवार्य मंजूरी प्राप्त करने के लिए चार सप्ताह का समय देते हैं।"
इसके अलावा वेनेगावकर ने पीठ को सूचित किया कि पुलिस को सतारा में हत्या के मामले में पावस्कर पर मुकदमा चलाने के लिए कोई सामग्री नहीं मिली, जिसमें पिछले साल सांप्रदायिक हिंसा के दौरान एक मुस्लिम व्यक्ति की मौत हो गई।
याचिकाकर्ता शाकिर तंबोली ने आरोप लगाया कि पुलिस ने हत्या के मामले में अपनी एफआईआर में पावस्कर का नाम नहीं लिया, जबकि वह दंगा और मस्जिद पर हमले की आपराधिक साजिश में शामिल था, जिसके कारण सतारा में एक व्यक्ति की मौत हो गई। जहां तक सांगली मामले का सवाल है, पावस्कर पर एक रैली के दौरान मुस्लिम समुदायों के खिलाफ आपत्तिजनक भाषण देने का मामला दर्ज किया गया। भाषण के बाद पुलिस ने धारा 153ए के तहत एफआईआर दर्ज की।
खंडपीठ ने दलील सुनने के बाद वेनेगावकर से हलफनामे में यह तथ्य प्रस्तुत करने को कहा कि सतारा पुलिस को पावस्कर के खिलाफ कोई भी आपत्तिजनक सामग्री नहीं मिली।
सुनवाई 2 सितंबर तक स्थगित कर दी गई है।