अपने घर में ताश खेलने वाले सीनियर सिटिज़न पर गैंबलिंग एक्ट के तहत केस दर्ज, बॉम्बे हाईकोर्ट ने उन्हें शिकायत करने वालों से समझौता करने का सुझाव दिया
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार (24 नवंबर) को पांच सीनियर सिटिज़न के खिलाफ दर्ज FIR की कार्रवाई पर रोक लगा दी, जिन पर बॉम्बे प्रिवेंशन ऑफ़ गैंबलिंग एक्ट के तहत अपने घर में कथित तौर पर ताश खेलने का केस दर्ज किया गया।
कोर्ट एक रिट पिटीशन पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें एक्ट की धारा 4 (जो एक कॉमन गेमिंग हाउस रखने पर सज़ा देता है) और 12(A) के तहत दर्ज FIR रद्द करने की मांग की गई। धारा 12A में कहा गया कि कोई पुलिस ऑफिसर बिना वारंट के किसी भी ऐसे व्यक्ति को पकड़ सकता है, जो किसी न्यूज़पेपर, न्यूज़शीट या दूसरे डॉक्यूमेंट या किसी भी न्यूज़ या जानकारी को इस इरादे से प्रिंट, पब्लिश, बेचता, बांटता या किसी भी तरह से सर्कुलेट करता है कि वह गेमिंग में मदद करे या उसे आसान बनाए।
यह पुलिस ऑफिसर को किसी भी जगह पर घुसकर उसे ज़ब्त करने का अधिकार देता है। वह उन सभी चीज़ों को ज़ब्त कर सकता है, जिनके बारे में शक है कि वे इस धारा के तहत कोई जुर्म करने के लिए इस्तेमाल की जा रही हैं या इस्तेमाल करने का इरादा रखती हैं।
पांच याचिकाकर्ताओं के वकील ने चीफ जस्टिस श्री चंद्रशेखर और जस्टिस गौतम ए अंखड की खंडपीठ के सामने कहा कि याचिकाकर्ताओं 75-81 साल के सीनियर सिटिजन्स का एक ग्रुप है, जिन पर 7 नवंबर को अपने घर पर ताश खेलने के लिए गैंबलिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया।
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा,
"वे सभी दोस्त हैं..."
इस स्टेज पर कोर्ट ने मुंह से पूछा,
"आप कंपाउंडिंग क्यों नहीं करवाते। इससे आपको सच में कोई मदद नहीं मिलेगी"।
कोर्ट के सवाल पर वकील ने कहा,
"6 नवंबर को मेरे घर पर रेड पड़ी थी।"
कोर्ट ने मुंह से कहा,
"चार हफ्ते बाद पोस्ट करें, इस बीच आगे न बढ़ें..."।
इस स्टेज पर स्टेट के वकील ने कहा कि दो औरतें थीं जिन्होंने पैसे गंवाए और उन्होंने कंप्लेंट दर्ज कराई।
औरतों के बारे में कोर्ट के सवाल पर वकील ने कहा,
"वे वहां खेल रही थीं।"
कोर्ट ने पूछा कि औरतें उस जगह पर क्यों गईं और कहा,
"वे वहाँ क्यों गई थीं? क्या वह कोई पार्लर था? उन्हें कैसे पता चला?"
वकील ने कहा,
"उन्हें जानकारी थी...वे असल में वहाँ जा रही हैं"।
इसके बाद कोर्ट ने राज्य के वकील से कहा,
"तो सवाल यह है कि अगर वे जीत जाते तो दूसरे लोग भी केस करते...इसका क्या आधार है? उन्होंने पैसे गँवा दिए इसलिए उन्होंने यह केस किया। वे आपके पास सिर्फ़ इसलिए गईं, क्योंकि उन्होंने पैसे गँवा दिए थे।"
इस बीच कोर्ट ने पिटीशनर के वकील से पूछा कि दोनों औरतों ने कितने पैसे गँवाए थे। वकील ने कहा कि वह रकम वेरिफाई करेंगे।
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा,
"माई लॉर्ड्स मेरी रक्षा करें...वे (पुलिस) मेरे खिलाफ चार्जशीट फाइल करने की योजना बना रहे हैं।"
इस पर कोर्ट ने कहा,
"हमने कार्रवाई पर रोक लगा दी है। इस बीच जाकर समझौता कर लें।"
Case title: HARPAL CHHABRA AND ORS. v/s STATE OF MAHARASHTRA