न्यायालय के आदेश को लागू करना पुलिस का कर्तव्य: न्यायालय के आदेश के बावजूद पासपोर्ट लौटाने में पुलिस की विफलता पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने 25 हजार का जुर्माना लगाया

Update: 2024-12-10 06:13 GMT

सेशन कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद, व्यक्ति का पासपोर्ट वापस न करने पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को मुंबई पुलिस से नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि किसी भी न्यायालय द्वारा पारित आदेश को लागू करना पुलिस का कर्तव्य है।

जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और जस्टिस शिवकुमार डिगे की खंडपीठ ने मुंबई के आलीशान कफ परेड पुलिस स्टेशन के अधिकारियों द्वारा जयंत कुमार नामक व्यक्ति का पासपोर्ट लौटाने में विफल रहने पर राज्य पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।

खंडपीठ ने अपने आदेश में दर्ज किया,

"सेशन कोर्ट द्वारा पासपोर्ट लौटाने का आदेश पारित किए हुए एक साल से अधिक हो गया। आज जब इस बारे में परामर्श किया गया तो न तो अतिरिक्त सरकारी वकील और न ही कफ परेड पुलिस स्टेशन के अधिकारी के पास उक्त आदेश का पालन न करने का कोई जवाब था। जब कोर्ट द्वारा कोई आदेश पारित किया जाता है तो पुलिस का कर्तव्य है कि वह उसे लागू करे, जब तक कि आदेश को चुनौती न दी जाए। पासपोर्ट न लौटाने और पुलिस की मनमानी के लिए यह देखते हुए कि पासपोर्ट सौंपने में एक साल से अधिक की देरी हुई, हम राज्य पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाना उचित समझते हैं।"

जजों ने राज्य को कुमार को उक्त जुर्माना अदा करने और कफ परेड पुलिस स्टेशन के संबंधित कार्यालय से उक्त राशि वसूलने के लिए 4 सप्ताह का समय दिया। पीठ कुमार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने इस तथ्य को उजागर किया कि मुंबई में एक सेशन कोर्ट द्वारा उनका पासपोर्ट तुरंत लौटाने के स्पष्ट आदेश के बावजूद कफ परेड पुलिस स्टेशन के अधिकारी ऐसा करने में विफल रहे। उन्होंने इस तथ्य को भी उजागर किया कि उन्होंने संबंधित अधिकारियों से कई अनुरोध किए, लेकिन सेशन कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया।

गौरतलब है कि कुमार पर जुलाई 2018 में सूचना एवं प्रौद्योगिकी (IT Act) के तहत मामला दर्ज किया गया। उस समय वह एक फर्म में काम कर रहे थे। मामला वास्तव में कंपनी के खिलाफ दर्ज किया गया। हालांकि चूंकि कुमार वहां उपाध्यक्ष थे, इसलिए उनका भी नाम दर्ज किया गया। उन्हें मुंबई के सेशन कोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई। मार्च 2021 में पारित आदेश के निर्देशों के अनुसार उन्होंने अपना पासपोर्ट सरेंडर कर दिया।

जब मामले में आरोपपत्र दाखिल हो गया तो कुमार ने मामले से अपना नाम हटाने के लिए अलग से कार्यवाही शुरू की। उन्होंने अपना पासपोर्ट वापस मांगने के लिए सेशन कोर्ट का रुख भी किया। 8 नवंबर, 2023 को सेशन कोर्ट ने कफ परेड पुलिस स्टेशन को तुरंत पासपोर्ट वापस करने का आदेश दिया।

पुलिस को पासपोर्ट लौटाने का आदेश देते हुए हाईकोर्ट ने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि नागरिकों के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं किया जा सकता। पुलिस को अनुशासन का पालन करना चाहिए तथा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि न्यायालय के आदेशों का पालन और क्रियान्वयन हो।

केस टाइटल: जयंत कुमार बनाम महाराष्ट्र राज्य (रिट याचिका (एसटी) 25010/2024)

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