बॉम्बे हाईकोर्ट ने गणेश चतुर्थी पर सब्सिडी वाले खाद्य किट वितरित करने के लिए "आनंदचा सिद्धा" योजना के लिए जारी टेंडर को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज

Update: 2024-08-05 07:48 GMT

महाराष्ट्र सरकार को राहत देते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को उन याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिसमें राज्य द्वारा "आनंदचा सिद्धा" (खुशी की किट) योजना को लागू करने के लिए शुरू की गई टेंडर प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए थे। इस योजना के तहत राज्य आगामी गणेश चतुर्थी उत्सव के लिए 1.7 करोड़ लाभार्थियों को सब्सिडी वाले खाद्य किट वितरित करेगा।पिछले साल दिवाली के त्यौहार के लिए शुरू की गई इस योजना के अनुसार, 1 किलो सूजी, चीनी, चना दाल और सोयाबीन तेल युक्त खाद्य किट 100 रुपये में उपलब्ध कराए जाएंगे। इस योजना को गुड़ी पड़वा (मराठी नव वर्ष) के लिए भी बढ़ाया गया और अब सरकार ने घोषणा की है कि उक्त खाद्य किट गणेश चतुर्थी उत्सव के लिए भी वितरित किए जाएंगे।

चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस अमित बोरकर की खंडपीठ ने याचिकाओं को खारिज कर दिया।

याचिकाकर्ताओं - इंडो एलाइड प्रोटीन फूड्स प्राइवेट लिमिटेड, गुनिया कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड और केंद्रीय भंडार ने निविदा के तहत अनिवार्य कुछ शर्तों को चुनौती दी थी। विशेष रूप से - बोलीदाताओं के पास प्रत्येक कार्य आदेश के लिए 70 इकाइयाँ और कम से कम 300 मजदूर होने चाहिए।

शर्तों को उचित ठहराते हुए राज्य ने एडवोकेट जनरल बीरेंद्र सराफ के माध्यम से स्पष्ट किया कि गणेश चतुर्थी के नजदीक होने के कारण ये शर्तें अनिवार्य थीं। इस प्रकार योजना को लागू करने में कोई देरी न हो यह सुनिश्चित करने के लिए बोलीदाताओं को उक्त शर्तों को पूरा करना होगा।

एडवोकेट जनरल ने जोर देकर कहा कि चूंकि त्योहार से पहले खाद्य किट 1.7 करोड़ लोगों तक पहुंचनी है, इसलिए निविदा में उल्लिखित संख्या में मजदूरों और इकाइयों का होना अनिवार्य है।

खंडपीठ ने 31 जुलाई को याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

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