बॉम्बे हाईकोर्ट ने कोर्ट स्टाफ को इलेक्शन ड्यूटी पर बुलाए जाने के बाद चीफ जस्टिस के घर से इमरजेंसी सुनवाई की

Update: 2025-12-31 07:02 GMT

मंगलवार देर शाम बॉम्बे हाईकोर्ट ने चीफ जस्टिस के घर पर एक "इमरजेंसी" सुनवाई की, जब उन्हें बताया गया कि बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (BMC) कमिश्नर ने शहर की निचली अदालतों के स्टाफ को एक कम्युनिकेशन जारी किया, जिसमें उन्हें 30 दिसंबर को शाम 2 घंटे के लिए "इलेक्शन ड्यूटी" पर रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया।

बता दें, हाईकोर्ट अभी सर्दियों/नए साल की छुट्टियों के कारण 4 जनवरी तक बंद है और 5 जनवरी से फिर से शुरू होगा और केवल वेकेशन कोर्ट के जज (एक या दो) ही बारी-बारी से इमरजेंसी सुनवाई करते हैं।

हालांकि, एक स्पेशल सिटिंग में चीफ जस्टिस चंद्रशेखर और जस्टिस अश्विनी भोबे ने मंगलवार देर शाम 8:00 बजे अपने घर से कोर्ट लगाया।

सुनवाई में जजों ने 12 सितंबर, 2008 को लिए गए एक फैसले पर ध्यान दिया, जिसमें हाईकोर्ट की एडमिनिस्ट्रेटिव जजेस कमेटी ने हाई कोर्ट स्टाफ और ट्रायल कोर्ट के स्टाफ को भी इलेक्शन ड्यूटी से छूट दी थी। इसने यह भी तय किया कि चुनाव आयोग को अपने स्टाफ के बारे में कोई जानकारी नहीं दी जाएगी, जब तक कि हाईकोर्ट ट्रायल कोर्ट और उसके स्टाफ पर पूरा कंट्रोल और सुपरविजन रखता है।

जब जजों ने BMC की ओर से पेश वकील को भारत के संविधान के विभिन्न प्रावधानों के साथ यह फैसला बताया तो कोर्ट को बताया गया कि कमिश्नर उस कम्युनिकेशन को वापस लेना चाहते हैं, जिसके द्वारा उन्होंने ट्रायल कोर्ट के स्टाफ को 30 दिसंबर को इलेक्शन ड्यूटी पर रिपोर्ट करने के लिए कहा था।

हालांकि, जजों ने उन्हें उस कम्युनिकेशन को वापस लेने की इजाज़त नहीं दी। इसके बजाय उनसे एक डिटेल में एफिडेविट फाइल करने को कहा कि उन्होंने किस आधार पर ऐसा कम्युनिकेशन जारी किया।

जजों ने आदेश में कहा,

"कमिश्नर, जो डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन ऑफिसर भी हैं, उन्हें अपना पर्सनल एफिडेविट फाइल करने का निर्देश दिया जाता है, जिसमें वे उन शक्तियों और अधिकार क्षेत्र का उल्लेख करें जिनके तहत उन्होंने डिस्ट्रिक्ट ज्यूडिशियरी के अधीनस्थ स्टाफ को 30 दिसंबर, 2025 को दोपहर 03:00 बजे से 05:00 बजे के बीच इलेक्शन ड्यूटी के लिए रिपोर्ट करने का निर्देश दिया।"

जजों ने कहा,

एडमिनिस्ट्रेटिव जजों की कमेटी की मीटिंग में हाईकोर्ट के फैसले और संवैधानिक और कानूनी प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए हम इसके द्वारा म्युनिसिपल कमिश्नर, BMC-कम-डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन ऑफिसर को निर्देश देते हैं कि वे 22 दिसंबर, 2025 की एकतरफ़ा चिट्ठी के आधार पर कोई कार्रवाई न करें, जो सीधे कोर्ट स्टाफ को भेजी गई।

बेंच ने यह साफ़ किया,

"म्युनिसिपल कमिश्नर, BMC-कम-डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन ऑफिसर को हाईकोर्ट या ट्रायल कोर्ट के कोर्ट स्टाफ को चुनाव ड्यूटी के लिए उनकी सेवाओं की मांग करने वाला कोई भी पत्र/कम्युनिकेशन जारी करने से रोका जाता है।"

बेंच ने आगे राज्य चुनाव आयोग, भारत निर्वाचन आयोग (ECI) और महाराष्ट्र सरकार से भी हर मुद्दे पर अपना हलफनामा दाखिल करने को कहा।

मामले की अगली सुनवाई 5 जनवरी को होगी।

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