अक्षय कुमार ने अपने पर्सनैलिटी राइट्स की सुरक्षा के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया

Update: 2025-10-15 14:57 GMT

बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया है और अपनी पर्सनैलिटी राइट्स को अनधिकृत वाणिज्यिक शोषण से बचाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अज्ञात लोग डीपफेक इमेज, वीडियो, उनकी आवाज़ का दुरुपयोग, अश्लील ब्लॉग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) द्वारा उत्पन्न सामग्री का प्रयोग कर उनके अधिकारों का उल्लंघन कर रहे हैं।

बुधवार सुबह सिंगल जज जस्टिस अरिफ डॉक्टर ने वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. बिरेन्द्र साराफ द्वारा पेश किए गए तर्क सुने, जो अक्षय कुमार का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, और मामले को आदेश के लिए बंद कर दिया। आदेश आज शाम जारी होने की संभावना है।

अक्षय कुमार ने कई अज्ञात लोगों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स तथा वेबसाइटों के खिलाफ स्थायी और अनिवार्य John Doe injunction जारी करने की मांग की है, ताकि उनके नाम, स्क्रीन नाम "अक्षय कुमार", छवि, समानता, आवाज़, विशिष्ट प्रदर्शन शैली, हाव-भाव और अन्य पहचान योग्य गुणों के लगातार उल्लंघन और अनधिकृत वाणिज्यिक शोषण को रोका जा सके।

उनके वकील डॉ. साराफ ने अदालत में कहा कि यह मुकदमा इस बात पर आधारित है कि AI-generated और डीपफेक इमेज/वीडियो, नकली माल, भ्रामक विज्ञापन, झूठे ब्रांड प्रमोशन और सोशल मीडिया प्रोफाइल्स के माध्यम से उनके पर्सनैलिटी का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग हो रहा है।

साराफ ने कहा,"ये कृत्य प्लेनेटिफ़ की साख और प्रतिष्ठा को गंभीर और अपरिवर्तनीय नुकसान पहुँचाते हैं, उनके पर्सनैलिटी/पब्लिसिटी राइट्स को कमजोर करते हैं, जनता को गुमराह करते हैं और अवैध लाभ अर्जित करने के समान हैं, इसलिए इस कार्रवाई की आवश्यकता है।"

मुकदमे में यह भी बताया गया है कि अक्षय कुमार को “खिलाड़ी कुमार” के नाम से विश्वभर में जाना जाता है, जो उन्होंने पिछले तीन दशकों में 150 से अधिक फिल्मों में अपने आइकॉनिक एक्शन हीरो और खतरनाक स्टंट्स के लिए अर्जित किया है।

मुकदमे में अज्ञात लोगों द्वारा किए गए कार्यों का हवाला देते हुए लिखा गया है,

"ये लोग फर्जी और बदलकर बनाई गई सामग्री को तैयार, प्रकाशित, अपलोड, प्रसारित और पुन: प्रस्तुत कर रहे हैं, जिसमें संपादित, मोर्फ़ या मैनिपुलेटेड फोटो, वीडियो, ग्राफिक्स, नकली माल और झूठे प्रमोशन शामिल हैं। ये उल्लंघन बड़े पैमाने पर और तेजी से हो रहा है, जिससे प्लेनेटिफ़ के पर्सनैलिटी राइट्स का लगातार और व्यापक उल्लंघन हो रहा है।"

साराफ ने उदाहरण दिए जैसे कि अस्वीकृत वीडियो जिसमें कुमार संत वाल्मीकि के बारे में बोलते दिखाए गए, जो AI द्वारा बनाया गया था, और फिल्म के ट्रेलर में उन्हें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूमिका निभाते दिखाया गया।

अदालत में कहा गया कि

"इन प्रतिवादियों का उद्देश्य प्लेनेटिफ़ की प्रतिष्ठा और साख का अवैध वित्तीय लाभ के लिए दुरुपयोग करना है, जैसे कि विज्ञापन, एफिलिएट लिंक, ट्रैफिक अर्बिट्रेज, उत्पाद बिक्री, फ़िशिंग प्रचार, संदिग्ध उत्पाद या योजनाएँ और अन्य मौद्रीकरण रणनीतियाँ।"

इसलिए, अक्षय कुमार ने अदालत से उनकी छवि, वीडियो, आवाज़ आदि के अनधिकृत उपयोग को रोकने का आदेश देने का अनुरोध किया है।

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